प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने का अनोखा तरीका अपना रहा ये युवा, गरीब बच्चों की मिटा रहा भूख!

मुंबई का एक युवा लड़का प्लास्टिक कचरे को अनोखे तरीके से खत्म कर रहा है। ये लड़का प्लास्टिक की बोतलों के बदले गर्म खाना देकर गरीबों का भला कर रहा है। ये कहानी है 23 साल के शक्ति यादव की जो ‘प्लास्टिक की बोतलों से खाना खरीदें’ पहल के तहत रविवार को बोतल लेकर गर्म खाना देने का नेक काम करते हैं। शक्ति ये पहल हर रविवार को करते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा बोतल इकट्ठा करने वाले तीन लोगों को प्रोत्साहित भी किया जाता है।

प्लास्टिक बॉटल के बदले देते हैं खाना

भांडुप की झुग्गियों में रहने वाले शक्ति को 2018 में अपने एरिया में दो बड़ी परेशानियां दिखाई दी। झुग्गी-झोपड़ियों के आस-पास उन्हें काफी कचरा दिखता था, वहीं आस-पास के लोगों को खाने के लिए संघर्ष भी करते वो देखते थे। यहीं से उन्हें आइडिया आया कि एक ही तरीके से दोनों की मदद कैसे हो सकती है।

शक्ति ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में बताया कि “2018 में, जब वो भांडुप की झुग्गियों में रह रहे थे, तो उन्हें सड़क पर और झुग्गी-झोपड़ियों में बहुत सारा कचरा दिखाई देता था। बरसात के दिनों में जब नाले उफान पर होते थे तो वो ये महसूस करते थे कि प्लास्टिक की बॉटल्स नालों को चोक कर देते हैं। बाद में यही जमा हुआ गंदा पानी पानी सीवर लाइन के जरिए आस-पास के घरों में घुसता था।

शक्ति यादव कहते हैं कि एक बार उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो देखा, जिसमें लोग खाने के लिए प्लास्टिक की बॉटल्स ले रहे थे। उन्होंने भी इसी काम को अपने क्षेत्र में करने की सोची। पहले तो उनके दोस्तों ने उनका मजाक उड़ाया लेकिन उन्होंने इस पर काफी काम और रिसर्च किया बाद में उन्होंने ‘Buy food with Plastic’ संगठन के संस्थापकों से बातचीत की। पर बात नहीं बनी और लेकिन साल 2020 में जब कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के दौरान उन्हें झुग्गी-झोपड़ियों में लोगों को एक-एक दिन के भोजन के लिए संघर्ष करते देख फिर से दिमाग में विचार आय़ा। उन्होंने फिर से उसी संस्था से दोबारा मदद मांगी इस तरह इसकी शुरूआत हुई।

अब भांडुप में यह कार्यक्रम हर हफ्ते की आयोजित की जाती है जिससे प्लास्टिक कचरा तो खत्म हो रहा है साथ ही गरीब लोगों को खानी भी मिल रहा है। कलेक्शन में मिले बॉटल्स को रिसाइकिलिंग के लिए रीसर्कल संगठन भेजा जाता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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