ये हैं राजस्थान के भेड़ाराम भाखर, पेशे से एक स्कूल शिक्षक हैं लेकिन इनकी पहचान कुछ और ही है। दरअसल भेड़ाराम को ट्री टीचर के नाम से लोग जानते हैं। भेड़ाराम ने थार इलाके के इकोलॉजिकल बैलेंस को संभालने के लिए पेड़ लगाने का एक ऐसा अभियान शुरू किया जो आज पर्यावरण संरक्षण के नींव के रूप में स्थापित हो चुका है। ये भेड़ाराम की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज उनके द्वारा लगाए गए असंख्य पेड़ों ने छोट-छोटे जंगलों का रूप ले लिया है। उन्होंने राज्य में अब तक 4.28 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं। 45 साल के सरकारी स्कूल शिक्षक भेड़ाराम भाखर कहते हैं कि अनियमित मानसून और बेमौसम की लू की वजह से देश के कई इलाके के लोग आज बेहद परेशान हैं, इससे धरती को काफी नुकसान होता है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते भेड़ाराम
भेड़ाराम भाखर कहते हैं कि पेड़ पौधों की वजह से ही हमारा जीवन सुरक्षित है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्हें प्रेरणा बचपन में ही मिली थी। उन्हें सिखाया गया कि जैसे भोजन, कपड़ा और रहने के लिए छत जरूरी है वैसे ही पर्यावरण भी जरूरी है। क्योंकि हमें ऑक्सीजन पर्यावरण से ही मिलती है। पेड़ पौधे वास्तव में हमारे लिए हरे सोने हैं जो हमें जिंदा रहने के साथ विकसित होने में भी काफी सहायता करते हैं।
तीन दशक से काम कर रहे हैं भेड़ाराम
पिछले तीन दशक से भेड़ाराम भाखर रेगिस्तान के आसपास के इलाके में पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं। उन्हें अब Tree Teacher के रूप में लोग जानते हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में पेड़ लगाओ अभियान की शुरूआत की है जिसमें लगभग 1.3 लाख लोग जुड़कर काम कर रहे हैं।
फैमिली फॉरेस्ट्री और पेड़ पौधों को संरक्षित रखने के ट्री टीचर की तारीफ हर कोई करता है। 21 साल की उम्र से उन्होंने अकेले ही इसकी शुरूआत की थी।
भेड़राम हर साल अपनी एक महीने की सैलरी प्लांटेशन ड्राइव के लिए खर्च करते हैं। उन्होंने राजस्थान के लोगों में प्लांटेशन ड्राइव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 30000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा अपनी बाइक पर पूरी की है। बाड़मेर जिले के रहने वाले बहुत से लोग अब भेड़ाराम भाखर को ट्री टीचर कहते हैं। भेड़ाराम भाखर से प्रेरणा लेकर राजस्थान के बहुत सारे लोगों ने अपने इलाके में पेड़ लगाना शुरू किया है।