‘UMMEED’ से रुकेंगे सुसाइड के मामले, शिक्षा मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन!

शिक्षा मंत्रालय ने बढ़ते सुसाइड के मामलों को देखते हुए स्कूलों के लिए सुसाइड प्रिवेंशन गाइडलाइन जारी की है। शिक्षा मंत्रालय के इस पहल से हर एक बच्चे की सुरक्षा मिलेगी। इसके मुताबिक इसका मोटो ‘एवरी चाइल्ड मैटर्स’ रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों में वेलनेस टीम का सेटअप होगा। इसके साथ ही और भी कई नियमों का पालन इसमें बच्चों से करवाया जाएगा। इस गाइडलाइन का टाइटल ‘उम्मीद’ (UMEED) है और हर एक लेटर का अलग एक सकारात्मक मतलब है।

 

UMEED

मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने जो गाइडलाइन जारी की है उसमे उम्मीद का मतलब है…
U – Understand – समझना
M – Motivate – प्रोत्साहित करना
M – Manage – संभालना
E – Empathise – सहानुभूति
E – Empower – सशक्त
D – Develop – विकसित

इस गाइडलाइन के ज़रिए स्कूलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति के प्रति संवेदनशील होकर काम करें, अंडरस्टैंडिंग हों और सेल्फ हार्म के केस में जल्दी से जल्दी समस्या सुलझाने रिपोर्ट करें। इसके जरिए वेलनेस सेंटर भी बनाए जाएंगे।

वार्निंग साइन का रखें ख्याल

इसके अंतर्गत स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि अगर किसी बच्चे में वार्निंग साइन दिखें तो उस पर तुरंत कार्य करें। रिस्क फैक्टर्स के बारे में पता लगाते रहें। साथ ही ये भी कि सुसाइड को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों को दूर करें। इसमें ये भी कहा गया है कि स्टूडेंट्स की समस्या से जुड़े हर पश्न का जवाब दें।
गाइडलाइन के अनुसार सुसाइड रोकना एक कलेक्टिव मेजर है जिस पर स्कूल, पैरेंट्स और कम्यूनिटी को मिलकर काम करना चाहिए। इसके तहत बच्चों की फीलिंग्स को समझना, उनके एक्शन और व्यवहार को देखना (अगर उसमें कोई रिस्क दिखता है तो) और कुछ संदेहास्पद दिखे तो उस पर एक्शन लेना जैसी चीजें होंगी।

पता लगाएं स्टूडेंट्स स्ट्रेस में तो नहीं

गाइडलाइन के मुताबिक स्टूडेंट में स्ट्रेस तो नही, है तो उसका कारण क्या है, ऐसी बातों का पता लगाएं। जैसे क्या उन पर एकेडमिक प्रेशर है, वे परिवार, दोस्तों या किसी के भी द्वारा बुली तो नहीं हो रहे, ऐसी बातों का पता लगाया जाए। शिक्षा मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आत्महत्या जैसी स्थिति में जाने से रोकना है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

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