उत्तरप्रदेश के सीतापुर में बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का एक अनोखा तरीका देखने को मिला है। दरअसल यहां के एक ऐसी बस चलती है जो गांव के बच्चों को कंप्यूटर सिखाती है। इस चलती-फिरती डिजिटल बस की सभी सीटों में लैपटॉप लगाए गए हैं। यहां ग्रामीण बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे कंप्यूटर की निशुल्क शिक्षा दी जाती है।
इस अनोखी पहल की शुरूआत ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र ने साल 2017 में शुरू की थी। ताकि ऑनलाइन पढ़ाई के इस दौर में गांव के बच्चे भी हाईटेक शिक्षा ले सकें। इसके लिए केंद्र की ओर से मिनी बस में कंप्यूटर क्लास का संचालन किया जा रहा है। कंप्यूटर सीखने के लिअ यहां के बच्चों को न तो कहीं और जाना पड़ता है और न ही उन्हें किसी तरह का कोई शुल्क देना होता है। आस-पास के प्रत्येक गांव के बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे कंप्यूटर की निशुल्क जानकारी इस डिजीटल बस के माध्मय से दी जाती है।
प्रत्येक सीट पर लगा है लैपटॉप
गांव पहुंचने वाली इस मिनी बस में प्रत्येक सीट पर लैपटॉप लगाया गया है। इसके जरिए बच्चों को कंप्यूटर की बारीकियां सिखाई जा रही है। गांव के बाहर पहुंचकर ड्राइवर हार्न बजाकर बच्चों को बुलाते हैं। एक सीट पर दो छात्र बैठकर जानकारी लेते हैं। कोर्स पूरा होने पर कंप्यूटर एप्लीकेशन का बेसिक प्रमाणपत्र भी छात्रों को दिया जाता है।
एक दिन में तीन गांवों के बच्चों तक इस डिजीटल बस की पहुंच है। इस संस्था की एकल अभियान वाली यह मिनी बस प्रतिदिन तीन गांवों तक पहुंचती है। इस बस के जरिए अब तक 50 से अधिक गांवों में 1300 बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जैतीखेड़ा गांव के रहने वाले छात्र सुरजीत कुमार कहते हैं कि, “कभी सोचा नहीं था कि गांव में भी कंप्यूटर की बारिकियां भी सीख सकेंगे वो भी अपने ही गांव में। इसका प्रशिक्षण लेने के लिए सीतापुर जाना पड़ता और फीस भी महंगी होती थी। अब ये हमारे काम आ रही है।“