वर्षा जल से सुरक्षित हो सकता है भविष्य, जल संकट से बचने उठाएं कदम!


मनुष्य के शरीर से लेकर वातावरण, मिट्टी, भोजन सभी जगह जल है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ऐसे में भविष्य में होने वाले जल संकट को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणियां काफी डरावनी लगती है। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थानें मिलकर काम कर रहे हैं। ताकी भविष्य में आने वाली परेशानियों से निपटा जा सके।

किसानों की बात हो या फिर घरेलू उपयोग के लिए पानी की जरूरत सभी को होती है। इसीलिए पानी बचाने की जिम्मेदारी हर किसी की व्यक्तिगत होनी चाहिए। ऐसे में हमें अपने डेली रूटिन में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जहां पानी वो वेस्ट होने से बचाया जा सके। इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे पानी बचाने के उपायों को अपनाकर हम भविष्य के लए तैयारी कर सकते हैं।

करें वर्षा जल का संग्रहण

पानी संचयन (water harvesting) करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए घरेलू तरीकों का भी उपयोग किया जा सकता है।

सतह जल संग्रह सिस्टम (surface water harvesting system)

इस तरीके में बारिश के पानी को बचाया जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि बारिश होने के बाद पानी धीरे-धीरे जमीन के नीचे बहकर गंदी नालियों में पहुंच जाता है। इसे एकत्रित करने के लिए बड़े ड्रेनेज पाइप की मदद ले सकते हैं। इन पाइप्स की मदद से बारिश के पानी को कुएं, नदी और तालाबों में संग्रहण कर सकते हैं जिसका इस्तेमाल बाद में अपने दूसरे कामों में कर सकते हैं।

छत का पानी (roof water)

बारिश के पानी को सरलता से एकत्रित किया जा सकता है। इस पानी को संग्रहण करने के लिए छत के खुले स्थान पर बड़ी टंकी रख दें, जिसमें बारिश होने पर पानी गिरता रहेगा और फिर बाद में उसका सरलता से इस्तेमाल कर सकते हैं।

बांध बनाकर

बारिश होने के बाद कुछ छोटी-बड़ी नदियों में पानी ज्यादा मात्रा में भर जाते हैं। इसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए नदियों-तालाबों में बांध (Dams on Rivers and Lakes) बना सकते हैं, इससे जरूरत पड़ने पर इसे उपयोग में ला सकते हैं।

मिगत टैंक

पानी को एकत्रित करने का यह एक शानदार तरीका है। कहते हैं कि इस तरीकों को पहले के समय में काफी लोग उपयोग में लाते थे। वर्तमान में भी कुछ गांवों में जहां पानी की कमी है, इसे अपनाया जाता है।

भूमिगत टैंक में भी जमीन के अंदर ही पानी को संरक्षित कर रख सकते हैं। बारिश के पानी को भूमि में एक गड्ढा करके उसमें भेजा जाता है। फिर उसे ढक कर रखा जाता है उसमें कुछ पत्थर या फिर कुछ दूसरी चीजों की मदद ली जाती है ताकि पानी सूर्य की धूप (sunlight) से भाप बनकर न उड़ पाए और जमीन में भी पानी न जाए।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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