

आज के प्रतिस्पर्धी दौड़ में आगे बढ़ने के लिए कई चीजें जरुरी हैं। ऐसा अक्सर कहा जाता है कि आगे बढ़ना है तो समय के साथ चलना होगा। यही वजह है कि करियर विश्लेषक और इस विषय के जानकारों का कहना है कि सफलता के लिए सुझाए गए सभी स्टेप्स को ध्यान में रखकर ही किसी काम को करना चाहिए। इनमें से एक है फीडबैक। दरअसल फीडबैक वह विधा है जिसके जरिए हम ये जान सकते हैं कि हमारे द्वारा किए गए कार्य सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं। या फिर उसमें कोई कमी तो नहीं रह गई। आज के इस लेख में बात करेंगे फीडबैक के बारे में…..
फीडबैक के लिए रहें तैयार
फीडबैक वह जरिया है जिससे आप अपने कामों को और भी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। अगर आपके काम को कोई फीडबैक देता है तो वह आपके काम का आकलन कर रहा है यह जरूरी नहीं है। फीडबैक अच्छा हो या बुरा हमेशा कुछ न कुछ जरूर सिखाती है। इसलिए फीडबैक के लिए तैयार रहें और आगे बढ़ने के लिए फीडबैक को एक स्टेप के तौर पर देखते हुए चलें। बुरा फीडबैक मिलने पर तुरंत एक्ट न करें। ये सोंचे कि क्या वाकई सुधार की गुंजाइश है।
सकारात्मक फीडबैक पर दें ध्यान
नकारात्मक फीडबैक आपको परेशान कर सकता है। लेकिन सकारात्मक फीडबैक को हम कई बार पूरी तरह अनदेखा भी कर देते हैं, जो कि सही नहीं होता है। इस पर ध्यान देने के लिए एक ऐसा स्पेस बनाएं जो आपके लिए मददगार हो। डिजिटल या फिजिकल, जहां आप खुद को मिले हुए हर सकारात्मक फीडबैक को सेव करके रखें। इसमें थैंक्यू नोट्स भी हो सकते हैं, ईमेल में रेफरेंस द्वारा मिले कमेंट्स को भी शामिल करें।
विनम्रता से लें फीडबैक
सकारात्मक फीडबैक जब भी मिले, उसे स्वीकारें जरूर। लेकिन फीडबैक को सिर्फ स्वीकारने से काम नहीं बनेगा। उसे याद रखकर उस पर अमल भी करें। सकारात्मक फीडबैक के बाद पूछें कि आपने क्या खास किया है या किस तरह आपने लोगों पर प्रभाव छोड़ा है। इसे पूरी विनम्रता के साथ पूछें, आपकी बात में घमंड या अहंकार दिखाई नहीं देना चाहिए। लोगों को यह लगना चाहिए कि आप खुद को मिले अच्छे फीडबैक के लिए कृतज्ञता जाहिर करते हैं।
फीडबैक है सफलता की कुंजी
अपने किए हुए काम के नतीजों पर भी पूरा ध्यान देना जरूरी होता है। अगर आपके काम को सराहा गया है, आप सफल हुए हैं तो इसके बावजूद भी आप स्वयं अपने काम का पूरी गहराई के साथ रिव्यू करना न भूलें। अगर आपको व्यक्तिगत तौर पर सकारात्मक फीडबैक मिला है, तो उसके बारे में भी आप अपने विचार लिख कर व्यक्त करना अच्छा हो सकता है। यही नहीं अपनी सफलता का अध्ययन करते रहना भी जरूरी है।