

Nasal Vaccine: भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए पहली इंट्रानेजल वैक्सीन मिल गई है। इसे हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 6 सितंबर को इसे इमरजेंसी यूज के लिए मंजूर कर दिया है।
बता दें वैक्सीन की खुराक 18 वर्ष से ज्यादा के उम्र के लोगों को दी जाएगी। इसके आखिरी फेज के ट्रायल अगस्त में ही पूरे हो गए थे।
नेजल वैक्सीन को बड़ी उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने कहा- वैक्सीन कोरोना महामारी से लड़ाई की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साइंस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ह्यूमन रिसोर्स को बढ़ावा मिल रहा है। साइंस पर आधारित अप्रोच और सबके प्रयास से हम कोरोना को जरूर मात देंगे।
वैक्सीन की खासियत
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन का नाम BBV154 रखा गया है। इसे नाक के जरिए शरीर तक पहुंचाया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करने का काम करती है। चूंकि इस वैक्सीन में किसी भी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का कोई खतरा नहीं होता है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी कोई खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी।
बूस्टर डोज की तरह है वैक्सीन
इंट्रानेजल वैक्सीन को प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर यूज किया जाएगा। हालांकि, इसे कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर भी देने का प्लान किया जा रहा है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने रिपब्लिक टीवी को बताया कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी होंगी। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी।