केले की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं तमिलनाडू के मुरुगेशन, जाने केले के वेस्ट से भी कर रहे कमाई!

तमिलनाडू के मुरुगेशन कई किसानों के लिए एक मिसाल बन रहे हैं। उन्होंने खेती को व्यवसाय बनाकर खुद को आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ लाया है। मुरुगेशन केले की फसल से तो पैसे कमाते ही हैं साथ ही वे केले की खेती के बाद बचे वेस्ट से भी पैसे कमा रहे हैं। दरअसल खेती से निकलने वाले फसल के अलाव बचे हुए वेस्ट को खपाने के पीछे काफी कवायद की किसानों के द्वारा की जाती है। लेकिन मुरुगेशन ने फसल से निकलने वाले वेस्ट को भी उत्पाद में बदलकर किसानों को एक्स्ट्रा इनकम का रास्ता दिखाया है।

बाकी किसानों से कैसे अलग हैं मुरुगेशन?

ये कहानी है तमिलनाडु के एक किसान मुरुगेशन की जिन्होंने केले की खेती के बाद उसके कचरे का उपयोग कर साल में एक करोड़ रुपए कमाने की तरकीब सोची है, जो दूसरे किसानों के लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है।

मुरुगेशन की कहानी

तमिलनाडु के मदुरई में रहने वाले पीएम मुरुगेशन ने सिर्फ प्राथमिक स्कूल तक ही शिक्षा हासिल की है। उनके गांव का नाम मेलक्कल है। मुरुगेशन ने केले की खेती के बाद बचने वाले प्रोडक्ट से रस्सी बनाने की एक मशीन तैयार कर दी है।


इससे बैग और बास्केट बनते हैं। यही नहीं रुगेशन ने एम एस रोप्स प्रोडक्शन सेंटर भी खोला है। मुरुगेशन के इस यूनिक आइडिया के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। अपनी इस यूनिक आइडिया से करोड़ों रुपए कमाने वाले मुरुगेशन का सफर इतना भी आसान नहीं रहा है। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी जिसकी वजह से वे सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ पाए। बाद में उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। मुरुगेशन के अनुसार “मैंने पढ़ाई छोड़ दी और पिता के साथ खेती में मन लगाने लगा। “

साल 2008 में मुरुगेशन के खेती के करियर को यू टर्न मिला जब उन्होंने और उनकी पत्नी मलारकोड़ी ने केले की खेती के बाद बचने वाले कचरे के उपयोग के बारे में बात करनी शुरू की। केले के पौधे से निकलने वाले वेस्ट का प्रयोग फूल के पौधों को संभालने के लिए होता है।

शुरुआत में इसके इस्तेमाल करने में काफी परेशानी हो रही थी। क्योंकि यह धागे आपस में जुड़े हुए नहीं थे। बनाना फाइबर को अलग करने और उससे रस्सी बनाने के लिए कोई मशीन भी तब नहीं थी।

केले के वेस्ट से तैयार की रस्सी

बाद में मुरुगेशन ने नारियल के छिलके से रस्सी बनाने वाली मशीन को यूज कर बनाना फाइबर बनाने का काम किया। उन्होंने अपने इस इनोवेशन के साथ कई प्रयोग किए। जिसके बाद उन्हें सफलता मिली। आज वे कई किसानों के लिए प्रेरणा की मिसाल बन रहे हैं। आज मुरुगेशन ने इसे दो करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी का रूप दे दिया है।

ऑटोमेटेड मशीन बनाने में मुरुगेशन ने करीब 1.5 लाख रुपए लगाए। फिर पेटेंट हासिल कर अपने बिजनेस को आकार दिया।


केले की खेती के बाद फसल लेने के बाद जो कचरा निकलता है उससे रस्सी बनाने वाली मशीन बनाकर मुरुगेशन में देश के किसानों को कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया है। फिलहाल मुरुगेशन की कंपनी में 400 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। इनमें अधिकतर महिलाएं वर्कर हैं। मुरुगेशन केले के तने से बनाई गई रस्सी से कई तरह के प्रोडक्ट तैयार कर उन्हें बेचते हैं।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

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