हाइड्रोजेल ऐसे रखता है मिट्टी में नमी को बरकार, किसानों के लिए है फायदेमंद!


कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक ने किसानों की मुश्किल को आसान किया है। फिर चाहे वो फसलों की बुआई कटाई की बात हो या फिर क्रॉप मैनेजमेंट की जिसमें जल-मिट्टी सभी आते हैं। अगर मिट्टी की सुरक्षा की बात करें तो वर्तमान में मिट्टी की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी चीज है मिट्टी की नमी को बनाए रखना। किसान आजकल मिट्टी में नमी को बनाए रखने के लिए हाइड्रोजेल का इस्तेमाल करते हैं। इसके इस्तेमाल से मिट्टी की नमी बनाए रखने में आसानी हो सकती है। साथ ही इसके कई दूसरे फायदे भी हैं।

कृषि में इनोवेशन की तरफ कदम बढ़ाते हुए किसान अब हाइड्रोजेल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाइड्रोजेल एक विशेष प्रकार की पॉलिमरिक सब्सटेंस के तौर पर इस्तेमाल होता है, ये पौधों को अधिक समय तक पानी पहुंचाने में भी मदद करता है। किसान इस टेक्नीक का इस्तेमाल करते हुए खेतों की बेहतर तरीके से नमी को बनाए रखते हैं। इससे उनकी फसल, पौधों का विकास बेहतर होगा।


एक्सपर्ट्स की राय

हाइड्रोजेल को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाइड्रोजेल में एसीडिटी और एल्केलीनीटी का रेशियो बराबर होता है जिससे मिट्टी में यह उदासीन भी होता है और कोई हानिकारक प्रभावन नहीं छोड़ता है। मंगलायतन विश्वविद्यालय में कृषि विभाग में साहयक प्रोफ़ेसर कहती हैं कि हाइड्रोजेल का उपयोग कृषि में सुधार करने के लिए एक अच्छा तरीका है। यह मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मददगार होता है। साथ ही पौधों को बढ़ने में भी मदद कर सकता है। पौधों को ज्यादा समय तक पानी पहुंचाने के बिना भी उनके विकास को बेहतर बनाने में यह सहायक है।


फायदे

मिट्टी में डेंसीटी और वाटर रिटेंसन कैपेसिटी को बेहतर बनाता है।


शुष्क एवं अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए लाभदायक।


सॉइल इरोजन को रोकने में सक्षम।

जैविक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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