International Bullion Exchange: गुजरात में लॉच हुआ देश का पहला बुलियन एक्सचेंज, पीएम मोदी ने किया शुभारंभ!



HIGHLIGHTS

• International Bullion Exchange कई प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो और टेक्नोलॉजी सर्विसेज ऑफर करता है |
• ट्रेडर्स सोने और चांदी के साथ-साथ इसके डेरिवेटिव्स में काम कर सकते हैं |
• इस एक्सचेंज में सभी कॉन्ट्रैक्ट डॉलर में लिस्टेड हैं |

International Bullion Exchange – IIBX प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को गुजरात के सूरत में भारत के पहले बुलियान एक्सचेंज का शुभारंभ कर दिया है। यह देश का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (International Bullion Exchange) है। यह एक्सचेंज गुजरात के GIFT सिटी यानी कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में स्थापित किया गया है।

देश में वित्तीय समावेशन की नई लहर- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Bullion Exchange का शुभारंभ करते हुए कहा कि उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में एक एग्जीबिशन को भी देखा। उन्होंने आगे कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश ने वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की एक नई लहर को देखी है। यहां तक कि गरीब से गरीब भी औपचारिक वित्तीय संस्थानों से जुड़ रहे हैं। और आज जब एक बड़ी आबादी फाइनेंस से जुड़ी है, यह समय की मांग है कि सरकारी संगठन और निजी खिलाड़ी एक मिलकर आगे बढ़ें।

International Bullion Exchange

गांधीनगर का इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) कई तरह के प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो और टेक्नोलॉजी सर्विसेज को ऑफर करेगा। इसकी खास बात यह है कि इसकी लागत देश के दूसरे एक्सचेंजों और विदेश के एक्सचेंजों के मुकाबले एकदम कम है। ट्रेडर्स सोने और चांदी के डेरिवेटिव्स में भी बुलियन एक्सचेंज काम कर पाएंगे।

शुरुआत में IIBX में T+0 सेटलमेंट के साथ 995 प्यूरिटी के एक किलोग्राम और 999 प्यूरिटी के 100 ग्राम गोल्ड में ट्रेडिंग की संभावना है। इस एक्सचेंज के तहत कॉन्ट्रैक्ट डॉलर में लिस्टेड हैं। उनका सेटलमेंट भी डॉलर में ही किया जाएगा।

Bullion Exchange माना जाता है लीगल टेंडर

इसे एकदम आसानी से समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल बुलियन यानी कि फिजिकल गोल्ड और सिल्वर है, जिसे लोग कॉइन, बार जैसे रूपों में अपने पास रखते हैं। कई बार बुलियन को लीगल टेंडर की तरह उपयोग किया जाता है। केंद्रीय बैंक (RBI) के रिजर्व में भी बुलियन शामिल है। इंस्टीट्यूशनल निवेशक भी बुलियन (Bullion) को अपने पास रखते हैं।

पिछले साल अगस्त में सरकार ने बुलियन स्पॉट डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट (Bullion Spot Delivery Contract) और बुलियन डिलीवरी रिसीट (BDR) को नोटिफाई किया था। केंद्रीय बजट 2020-21 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने IIBX की स्थापना का ऐलान किया था।

Bullion Exchange काम कैसे?

भारत में सोने-चांदी का आयात IIBX के जरिए किया जाता है। घरेलू खपत के लिए बुलियन (Bullion) का आयात भी इसी एक्सचेंज के तहत होगा। इस एक्सचेंज के रूप में बाजार के सभी भागीदारों को बुलियन ट्रेडिंग के लिए एक कॉमन और पारदर्शी प्लेटफॉर्म मिलेगा। इसमें ट्रेडिंग के जरिए उत्पादों के सही मूल्य निर्धारण में मदद होगी। साथ ही सोने की क्वालिटी की गारंटी भी दी मिलेगी।

RBI ने पेश किए है गोल्ड इंपोर्ट के मानक

RBI ने इसी साल मई में IIBX के जरिए गोल्ड के इंपोर्ट के लिए मानक प्रस्तुत किए थे। इस गाइडलाइंस के जरिए घरेलू क्वालिफायड ज्वेलर्स को भी IIBX के जरिए गोल्ड इंपोर्ट का मौका मिल सकेगा। गाइडलाइंस के अनुसार, बैंक क्वालिफायड ज्लेलर्स को IIBX के जरिए गोल्ड इंपोर्ट के लिए 11 दिन के लिए एडवान्स पेमेंट की सुविधा दे सकते हैं। RBI का कहना है कि गोल्ड इंपोर्ट्स के लिए क्वालिफायड ज्वेलर्स की तरफ से किया जाने वाले पेमेंट IFSCA से मान्यताप्राप्त एक्सचेंज के तहत होगा।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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