IIT मद्रास के दो प्रोफेसर्स ने किया कमाल, बना दी उड़ने वाली ई-टैक्सी, जानें इसकी खासियत!

IIT मद्रास: देश और दुनिया में लगातार कई इनोवेशन हो रहे हैं। इसी बीच आईआईटी मद्रास ने भी ऐसा कुछ इनोवेट कर दिया है जो साइंस और टेक के क्षेत्र में काफी सराहनीय है। आईआईटी मद्रास के दो प्रोफेसर्स ने मिलकर उड़ने वाली ई-टैक्सी बनाई है। इस शानदार काम के लिए इन प्रोफेसर्स के बारे में हर कोई जानना चाह रहा है।

 
आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर सत्या चक्रवर्ती और प्रांजल मेहता साथ मिलकर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी बनाई है। इस टैक्सी की खासियत है कि यह सड़क पर चलने वाले वाहन और हेलीकॉप्टर की तुलना में 10 गुना ज्यादा स्पीड से चलेगी। 
आईआईटी मद्रास के इन दोनों प्रोफेसर ने उड़ने वाली टैक्सी का प्रोटोटाइप बनाया है साथ ही उनका ट्रायल भी कर लिया है।
 

2 सीटर फ्लाइंग टैक्सी है स्पीड में तेज

2 सीटर फ्लाइंग टैक्सी सड़क पर चलने वाले वाहन की तुलना में ज्यादा तेजी से चलेगी। ये अपने डेस्टिनेशन पर रियल टाइम पर पहुंच सकती है। आईआईटी के दोनों प्रोफेसर को फ्लाइंग इलेक्ट्रिक टैक्सी बनाने का आइडिया इलेक्ट्रिक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन पर आधारित एक फिल्म देखने के बाद आया।
 
इन प्रोफेसर्स ने इस फ्लाइंग टैक्सी को बेंगलुरु के एयरो इंडिया इवेंट में शो किया। प्रोफेसर सत्या चक्रवर्ती और प्रांजल मेहता की यह टैक्सी सड़क पर चलने वाले वाहन से 10 गुना ज्यादा तेजी से अपने डेस्टीनेशन पर पहुंचाएगी। इसकी एक खासियत ये भी है कि यह सिंगल चार्ज में 200 किलोमीटर की दूरी तय कर सकने में सक्षम होगी।
 

और भी हैं ई-टैक्सी की खासियत

• ई-टैक्सी में दो यात्रियों के अलावा एक पायलट के बैठने की जगह दी गई है।
 
• यह टैक्सी इतनी कॉम्पैक्ट है कि इसे सिर्फ 25 वर्ग मीटर की जगह में भी पार्क की जा सकती है।
 
• उड़ान भरने के दौरान यह टैक्सी 1500 फीट की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखती है।
 
• यह टैक्सी आम कार की तुलना में दोगुना ऊर्जा खर्च करेगी।
 
• ई-प्लेन के बिजनेस में आईआईटी के प्रोफेसर ने निवेशकों से एक मिलियन डॉलर की रकम जुटा ली है जिससे इसका प्रोटोटाइप तैयार होगा।
 
प्रोफेसर सत्या चक्रवर्ती का कहना है कि ई टैक्सी डिजाइन करने का उनका उद्देश्य लोगों के आने-जाने को सरल करना है। शहर से बाहर आने जाने या सामान भेजने-मंगाने में लगने वाला समय इससे बहुत कम हो होगा। साथ ही ई टैक्सी के 
यूज़ से सड़क पर चलने वाला ट्रैफिक खत्म और कम होगा।
 
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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