Govt. Scheme: छोटे-छोटे व्यापारी और स्ट्रीट वेंडर्स कई तरह से भारतीय इकोनॉमी को प्रभावित करते हैं। छोटे स्तर पर ही सहीं पर ये आर्थिक सशक्तिकरण की सबसे पहली नींव के तौर पर स्थापित हैं। जहां एक तरफ ये स्वरोजगार से जुड़कर देश की गरीबी को खत्म कर रहे हैं वहीं भारत के लाइवलीहुड कल्चर को बेहतर भी कर रहे हैं। ये सब मुमकिन हो पाया है प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि – PM SVANidhi) योजना की मदद से। जिसका उद्देश्य स्मॉल स्केल पर बिजनेस करने वाले छोटे व्यापारी और स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता उपलब्ध करवाना है।
पीएम स्वनिधि योजना
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (Housing and Urban Affairs Ministry) की ये पहल है। जिसकी मदद से पूरे देश में 50 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिल रहा है। पीएम स्वनिधि योजना ने उन्हें फॉरमल इकोनॉमी सिस्टम के दायरे में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ये छोटे बिजनेस आज काफी बेहतर कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के इस मिनिस्ट्री द्वारा 01 जुलाई, 2023 से इस अभियान को शुरू किया गया था। जिसमें योजना के अंतर्गत प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों में स्ट्रीट वेंडर्स के जीवन को बेहतर दिशा की तरफ ले जाना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में इस सामूहिक प्रयास से 65.75 लाख ऋणों का वितरण किया गया है। जिससे 50 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को पूरा फायदा मिल चुका है। इसका लगभग मूल्य 8,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इस स्कीम से जुड़ी सबसे विशेष बात ये है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने शहरी गरीब सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लिए तैयार की गई पहली माइक्रो-क्रेडिट योजना को अपना समर्थन देते हुए इस महत्वपूर्ण कार्य का सहभागी बनी है। पीएम स्वनिधि, भारत सरकार की एक अग्रणी पहल के रूप में स्थापित है।
योजना के परिणाम
केंद्र सरकार के पोर्टल के पर दिखाई दे रहे परिणाम ये बताते हैं कि भारत के सभी राज्यों ने इस योजना को पूरे दिल से स्वीकार किया है। इस स्कीम के सबसे बड़े अचीवमेंट की बात करें तो पिछले तीन महीनों में, राज्यों ने 12 लाख से ज्यादा नए विक्रेताओं को इसमें सफलतापूर्वक कवर करने का कार्य किया है। ये अब तक का सर्वाधिक है, जबकि कई और विक्रेता इसमें शामिल होने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।