

RBI ने लॉन्च किया UDGAM पोर्टल
बैंकों में लावारिस पड़ी जमा राशि का पता लगाना होगा आसान
अलग-अलग बैंक अकाउंट से भी ग्राहक लगा सकेंगे पता
बैंकों में लावारिस पड़ी जमा राशि का पता लगाना होगा आसान
अलग-अलग बैंक अकाउंट से भी ग्राहक लगा सकेंगे पता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बिना दावे वाली (लावारिस) जमा राशि का पता लगाने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल ‘उद्गम’ लॉन्च किया है। इस पोर्टल की मदद से ग्राहक एक ही प्लेटफॉर्म पर अपने अलग-अलग बैंक अकाउंट को देख कर उनमें जमा पैसे पर दावा कर करने की सुविधा पा सकेंगे।
बैंक खातों की पहचान में मिलेगी मदद
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस वेब पोर्टल उद्गम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट-गेटवे टू एक्सेस इंफॉर्मेशन) को लॉन्च किया है। इस वेब पोर्टल को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए डेवलप किया गया है, ताकि उन्हें एक ही जगह पर कई बैंकों में अपनी लावारिस पड़ी जमा राशि की खोज करने में आसानी हो। रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक बयान की मानें तो इस वेब पोर्टल के लॉन्च होने से उपयोगकर्ताओं को अपने लावारिस जमा राशि और बैंक खातों की पहचान करने में मदद होगी। आरबीआई ने 06 अप्रैल को विकासात्मक और नियामक नीतियों पर अपने भाषण के हिस्से के रूप में लावारिस जमा राशि की खोज के लिए एक सेंट्रलाइज्ट वेब पोर्टल के विकास की घोषणा की थी।
इन 7 बैंक में मिलेगी उद्गम की सुविधा
उद्गम वेब पोर्टल को रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (REBIT) और भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाओं (IFTAS) और भाग लेने वाले बैंकों ने विकसित करने में सहयोग दिया है। इस वेब पोर्टल का उपयोग करने वाले फिलहाल उपलब्ध सात बैंकों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड, साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड, डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड और सिटी बैंक में अपनी लावारिस जमा राशि का विवरण प्राप्त करने में सुविधा ले सकेंगे। इस पोर्टल पर बचे हुए बैंकों की खोज सुविधा धीरे से 15 अक्टूबर तक उपलब्ध कराई जाएगी।
बिना दावे वाली लगभग 35,000 करोड़ रुपये बैंक के पास
ये जानना खास होगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी 2023 तक लगभग 35,000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली जमा राशि आरबीआई को हस्तांतरित की थी। ये वे जमा खाते हैं 10 साल या उससे अधिक समय से एक्टिव नहीं हैं।