

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने की दिशा में भारत सरकार तेजी से काम कर रही है। इसके प्रमोशन के लिए केंद्र सरकार कई तरह के नियम लेकर आ रही है। हाल ही में इन कार्यों में तेजी लाने के लिए नीति आयोग ने अपना सुझाव दिया है। सुझाव में आयोग ने ये कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और इसकी घरेलू बाजार में उपलब्धता को सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत कंपनियों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
नीति आयोग के सुझाव
इन प्रोत्साहनों को प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं, टैक्स लाभ (tax benefits) और रॉयल्टी के रूप में दिया जा सकता है। इससे लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग किए जाने वाले मिनरल की रिफाइनिंग और प्रोसेसिंग हो सकेगी।
इसके अलावा नीति आयोग द्वारा 31 जुलाई को जारी एक रिपोर्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था, ‘बाजार तक खनन: लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में घरेलू मूल्यवर्धन (domestic value addition) के लिए महत्वपूर्ण मिनरल सप्लाई चेन के रूप में है।’
“मिल सकता है लिथियम का रिजर्व” GSI
फरवरी में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने इसकी घोषणा की थी कि रियासी (Reasi ) में सलाल-हैमाना क्षेत्र (Salal-Haimana area ) में 5.99 मिलियन टन लिथियम रिजर्व (lithium reserves) हो सकता है, जिससे देश की रिन्यूबल एनर्जी को तेजी मिलेगी।
KABIL को मजबूती
Niti Aayog ने LIB इलेक्ट्रोड में इस्तेमाल किए जाने वाले परिष्कृत खनिज (refined mineral precursors) के रिजर्व के साथ-साथ महत्वपूर्ण खनिज वाले विदेशी देशों में संयुक्त एक्सप्लोरेशन और माइनिंग एक्टिविटी को शुरू करने के लिए राज्य संचालित खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) को मजबूत करने का भी सुझाव दिया है। KABIL नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (Nalco), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड (MECL) द्वारा समर्थित एक जॉइंट वेंचर के रूप में काम कर रहा है।
भारतीय मिशन को करें मजबूत: Niti Aayog
थिंक टैंक ने महत्वपूर्ण खनिज वाले देशों में भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण और निवेश और ग्रीनफील्ड या ब्राउनफील्ड मिनरल संपत्तियों की सही परिश्रम को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण खनिज वाले देशों में भारतीय मिशनों को और मजबूत करने का सुझाव दिया है। नीति आयोग ने मजबूत सप्लाई चेन के लिए हितधारकों से भी सहयोग की अपेक्षा की है।