

Food Storage: भारत सरकार खाद्यान्न बर्बादी को बचाने की लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सालों से चर्चा हो रही है, कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में अब कृषि उपज को बचाने और संभाल कर रखने पर काम किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अनाज के स्टोरेज (Food Storage) की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक बड़ी पहल की है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए मंजूरी दी है, इससे दुनिया की सबसे बड़ी फूड स्टोरेज स्कीम पर काम किया जाएगा। देश में सालाना करीब 3100 लाख टन खाद्यान्न की उपज होती है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदाम में कुल उपज का 47 फ़ीसदी तक उपज को रखा जा रहा था।
भारत में अनाज इंफ्रास्ट्रक्चर को करेगा मजबूत
सरकार की इस पहल से देश में अनाज भंडारण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को खत्म किया जाएगा। मेहनत करने वाले किसानों की परेशानी इससे खत्म होगी। मोदी सरकार के मुताबिक देश में अनाज भंडारण (Food Storage) की क्षमता फिलहाल 1450 लाख टन है, अगले 5 साल में इसे बढ़ाकर 2150 लाख टन किया जाएगा। भारत में सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम की शुरूआत की जा चुकी है।
क्या कहते हैं आकड़ें?
भारत के किसान अपनी जरूरत से अधिक अनाज पैदा करने में सक्षम हैं। इसके लिए बड़े स्टोरेज की आवश्यक्ता पड़ी । इसी को हल करने के लिए अनाज के भंडारण की सही व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को लाया है। इससे भारत में दुनिया का सबसे बड़ा अन्न भंडार (food storage) तैयार किया जा रहा है। Food Storage योजना के तहत देश के हर ब्लॉक में 2000 टन क्षमता का एक गोदाम सरकार बनाएगी। फूड स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था होने से एक तरफ जहां किसानों की मेहनत को पहचान और सम्मान मिलेगा, वहीं किसानों के लिए ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी कम होगा। इससे उनका मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश के विभिन्न इलाकों में फूड स्टोरेज की व्यवस्था करने से खाद्य सुरक्षा मजबूत करने में भी मदद होगी। देश के हर इलाके में अनाज की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित होगी।