Khelo India में हुनर दिखा रहे अन्यतम की कहानी टूटे मन को हौसला देती है, प्रेरणा है ये युवा!


भारत सरकार युवा प्रतिभाओं की खोज के लिए खेलो इंडिया की पहल कर रही है। इने गेम्स के तहत उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 का आयोजन किया गया। लखनऊ, वाराणसी, ग्रेटर नोएडा और गोरखपुर में गेम्स की प्रतियोगिताएं भी चलीं। इसमें कई युवा खिलाड़ी हिस्सा बने। लेकिन कुछ प्रतिभागियों की कहानी आपको प्रेरित कर सकती है। ऐसे ही खिलाड़ियों में से एक हैं अन्यतम राजकुमार।

अन्यतम राजकुमार

असम के रहने वाले अन्यतम काफी प्रतिभाशाली हैं। अन्यतम ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में अपना हुनर दिखाकर हर किसी को प्रेरित किया है। दरअसल अन्यतम राजकुमार मानसिक रूप से कमजोर हैं, बावजूद इसके उन्होंने रोइंग प्रतियोगिता में अपना शानदार प्रदर्शन किया। अन्यतम की खासियत इससे भी कहीं ज्यादा है। उन्होंने सिर्फ इस प्रतियोगिता में ही अपना हुनर नहीं दिखाया है बल्कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन किया है। 

अन्यतम की कहानी खिलाड़ियों को प्रेरित करती है।

शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर हैं अन्यतम- पिता द्विपेन राजकुमार

अन्यतम के पिता द्विपेन राजुकमार कहते हैं कि अन्यतम मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ ही शारीरिक रूप से भी कमजोरी का सामना कर रहे हैं। अन्यतम के पिता बताते हैं कि उसकी शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए उन्होंने छह साल की उम्र में अन्यतम को तैराकी सिखाने का फैसला किया था। अन्यतम ने एक माह से भी कम समय में तैराकी सीखी और स्कूलिंग के साथ तैराकी भी की। 2015 में लॉस एंजिल्स में हुए वर्ल्ड समर (स्पेशल ओलंपिक) में अन्यतम ने पैरालंपिक का पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 2016 में अन्यतम का रुझान रोइंग की तरफ बढ़ा। 50 फीसदी बौद्धिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अन्यतम ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य खेलों में हिस्सा लेते हैं।

कई पुरस्कार अन्यतम के नाम

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में हुए एशिया प्रशांत स्पेशल (मूक-बधिर) में अन्यतम ने 500 मीटर सिंगल स्कल रोइंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके अलावा 2000 मीटर सिंगल में कांस्य और 2000 मीटर डबल में भी वो कांस्य जीत चुके हैं। पुणे में आयोजित नेशनल रोइंग प्रतियोगिता और चंडीगढ़ में हुई यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में टॉप-8 में जगह बनाकर उन्होंने खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई कर लिया था। अन्यतम रोइंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले पहले दिव्यांग एथलीट के रूप में उभरे हैं। अन्यतम की इसी उपलब्धि के कारण उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ है। अन्यतम असम की कॉटन यूनिवर्सिटी में बीए पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। अन्यतम उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो परेशानियों से घबराकर पीछे हट जाते हैं। वे ये संदेश देते हैं कि कोई अक्षमता हमारे दृढ़संकल्प के आगे छोटा है।

रोइंग के बारे में..

रोइंग एक खेल है, जिसमें एक नाव को उसके साथ जुड़े हुए पतवार की मदद से आगे बढ़ा जाता है। यह दूसरे डिसिप्लीन से भिन्न होता है, क्योंकि इसमें नाव को चलाने वाले एथलीट की पीठ नाव की चाल की दिशा में होती है और वे फिनिश लाइन पीछे की ओर क्रॉस करते हैं।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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