‘पृथ्वीराज रासो’ के महाकवि, चंदबरदाई की कहानी

'चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान', इस प्रमुख काव्य की रचना कवि चंदबरदाई ने की हैं।

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हबीब तनवीर, आदिवासी कलाकारों के साथ अपने काम के लिए प्रसिध्द प्रतिष्ठित नाटककार और निर्देशक

प्रसिद्ध रंगर्कमी जिनका जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ, लेकिन उन्होने भारत का नाम विदेशों में भी रौशन किया। वह इकलौते भारतीय थे जो रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट लंदन केलिए चयनित हुए ।

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मालवा साम्राज्य की महारानी, अहिल्या बाई होलकर

भारत के मालवा प्रांत ने कई वीर योद्धाओं को जन्म दिया है। इन वीर योद्धाओं में शामिल थीं हमारी कुछ वीरांगनाएं...कुछ ऐसी साहसी महिलाएं जिन्होंने अपनी भागीदारी से इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया।

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