IAS Story: कमजोर अंग्रेजी की वजह से लोगों ने उड़ाया मजाक, IAS टॉपर बन दिया जवाब!

 आज के समय में अंग्रेजी अनिवार्य भाषा के रूप में मौजूद है। प्रोफेशनल तौर पर अंग्रेजी का एक अलग ही स्थान है। ऐसा धारणा भी बनी हुई है कि बड़े प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अंग्रेजी मीडियम या अंग्रेजी के अच्छे जानकार ही टॉप कर सफलता हासिल करते हैं। लेकिन इस धारणा को तोड़ा आईएएस सुरभि गौतम ने, जिनका कभी अंग्रेजी नहीं जानने की वजह से कॉलेज में मजाक भी उड़ाया गया। उन्होंने मेहनत की और आईएएस की परीक्षा सिर्फ पास ही नहीं की बल्कि टॉप भी किया। जानते हैं उनकी प्रेरणादायी कहानी।

साधारण से असाधारण का सफर

मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के अमदरा गाँव की रहने वाली हैं सुरभि गौतम। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से साबित किया है कि सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं है। वे खुद ही अपनी इच्छाशक्ति और मेहनत से अपना भाग्य बदलते हैं।

सुरभि गौतम ने साल 2016 की सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया 50वीं रैंक हासिल की। उनके पिता एमपी के मईहर कोर्ट में एक वकील के तौर पर पदस्थ हैं, वहीं उनकी माँ सुशीला गौतम हाई स्कूल में बतौर टीचर नौकरी करती हैं।

सुरभि ने अपने गांव के ही एक सरकारी स्कूल में 12वीं क्लास तक पढ़ाई पूरी की उनकी पूरी शिक्षा हिंदी में ही हुई है। उनके गाँव में मूलभूत जरूरी सुविधाएं नहीं मौजूद थी ऐसा तक कहा गया है कि स्कूल में बिजली और पानी की सुविधा तक देर से पहुंची। इसके बावजूद 10वीं के बोर्ड एग्जाम में उन्होंने 93.4% नंबर हासिल किए और गणित में उन्हें 100 में 100 नंबर मिले थे। उनका नाम स्टेट की मेरिट लिस्ट में शामिल हुआ। ।

अंग्रेजी के डर को हराकर बन गईं IAS

12वीं के बाद उन्होंने एमपी की राज्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास करके भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में  एडमिशन लिया। कमजोर अंग्रेजी भाषा के चलते कई बार उनका मज़ाक भी दोस्तों ने उड़ाया। लेकिन उन्होंने मेहनत करके उन्होंने अंग्रेजी पर पकड़ सुधारने पर काम किया।

उन्होंने अंग्रेजी के कम से कम 10 शब्दों के मतलब सीखे वो दीवारों पर मीनिंग लिखकर सीखती थीं और उसे दिन में कई बार दोहराकर काम करती थीं। कहीं से भी सुने गए फ्रेज़ और शब्दों को वह सुनकर उन्हें याद करती और अपनी अंग्रेजी इम्प्रूव करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की। साथ में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी जी जान लगा दी और ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर में उन्होंने टॉप किया और उन्हें कॉलेज चांसलर अवार्ड भी हासिल हुआ। वो यहीं पर नहीं रूकी उन्होंने BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लगातार पास किया। सुरभि ने इन अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ UPSC की तैयारी को जारी रखा और साल 2013 में उन्होंने UPSC सिविल सर्विस एग्जाम ऑल इंडिया 50वीं रैंक के साथ क्लीयर किया। सुरभि इस बात की मिसाल है कि चाहे कुछ भी हो जाए दृढ़निश्चय से किया गया काम हमेशा सफल होता है। उनकी कहानी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणा है।

SP LOGO

Rishita Diwan

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

SHARE YOUR STORY

info@seepositive.in

SEND FEEDBACK

contact@seepositive.in

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.
CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

SHARE YOUR STORY

info@seepositive.in

SEND FEEDBACK

contact@seepositive.in

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.