

“पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था, लेकिन नई शिक्षा नीति से इसमें बदलाव आएगा।” हाल में प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति को लेकर ये बात कही। प्रधानमंत्री ने नयी शिक्षा नीति को व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित कहते हुए ये भी कहा कि, नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। उन्होंने कहा कि गूगल डेटा और सूचना दे सकता है लेकिन शिक्षक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। भारत आधुनिक आवश्यकताओं के मुताबिक नयी व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
नई शिक्षा नीति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा में व्यवहारिक शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा। भारत सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 को लॉन्च किया है। केंद्र सरकार ने शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव करते हुए इसे लागू किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर के साथ पूर्वस्कूली से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा को यूनिवर्सल बनाने का काम किया जाएगा। इससे पहले 10+2 के पैटर्न को फॉलो किया जाता था, लेकिन अब नई शिक्षा पैटर्न नीति के अनुसार 5+3+3+4 का पालन किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत सुविधाएं
• विद्यालयों में मिड डे मील की गुणवाता बेहतर होगी।
• बच्चे अपना टिफिन नहीं लाएंगे।
• विद्यालयों को शुद्ध और उचित गुणवत्ता वाले पानी की सुविधा देनी होगी।
• बच्चों के बैग का वजन कम होगा और उनके बैग का साइज भी छोटा होगा।
• विद्यालयों में कक्षा का टाइम टेबल ऐसा सेट किया जाए और जिससे बच्चों के बैग का भार घटे।
• द्वितीय कक्षा तक विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
• तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा के छात्रों को हर 1 सप्ताह में केवल 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।
• कक्षा छठी से लेकर आठवीं के छात्रों को प्रत्येक दिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति की विशेषताएं
• इस पालिसी के तहत अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
• शिक्षा का सार्वभौमीकरण होगा।
• नई शिक्षा नीति के अनुसार 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा, जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा दी जाएगी।
• इस नई शिक्षा नीति के अनुसार छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप की भी सुविधा दी जाएगी।
• पालिसी के अनुसार पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में मिलेगी।
• कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी, अब छात्र अपनी इच्छा के अनुसार विषय चुन सकते हैं।
• शिक्षा नींति के अनुसार छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी विषय पढ़ सकेंगे।
• छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।
• सभी स्कूल डिजिटल इक्विप्ड होंगे।
• सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट करने की सुविधा मिलेगी।
• वर्चुअल लैब डिवेलप किया जायेगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 का मुख्य उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक शिक्षा के समकक्ष खड़ा करना है। इस योजना के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तो होगा ही साथ ही बच्चे अपने जीवन को उज्जवल बना पाएंगे।