

• बनारस के स्कूल ऑफ राम में हुआ रामचरित मानस का एक महीने का कोर्स
• रमाचरित मानस की चौपाइयों से भौतिक विज्ञान की अनसुलझी गुत्थियां सुलझाने का दावा
• एक महीने का सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर कर रहा है बनारस का स्कूल ऑफ राम
Ramcharit Manas and Physics: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दुनिया का पहला वर्चुअल वर्चुअल विद्यालय स्कूल ऑफ राम में एक खास सर्टिफिकेट कोर्स की शुरूआत की गई है। इस कोर्स में एनरोल होने वाले स्टूडेंट्स को एक रामचरित मानस को वैज्ञानिक प्रयोगों के जरिये समझने का मौका मिल रहा है। यह स्कूल ऐसा दावा कर रहा है कि एक महीने के ऑनलाइन कोर्स में रामचरित मानस की चौपाइयों के जरिये भौतिक विज्ञान की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने का मौका दिया जाएगा।
भारतीय संस्कृति के महत्व का प्रचार उद्देश्य
सर्टिफिकेट कोर्स के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय संस्कृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने और भारत केंद्रित शिक्षा दिया जाएगा। कोर्स में तुलसीदास रचित महाकाव्य रामचरित मानस में भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों को शामिल कर छात्रों को इससे जोड़ा जाएगा। कोर्स में गति के नियम, वाष्पीकरण, प्रकाशिकी, वैमानिकी, मृगमरीचिका, ऊर्जा, चुबकत्व और इंजीनियरिंग को रामचरित मानस की चौपाइयों से समझाने का प्रयास किया गया है।
चौपाइयों से जानेंगे न्यूटन के सिद्धांत
स्कूल ऑफ राम के संस्थापक और हिंदू स्टडीज के एक्सपर्ट श्री तिवारी कहते हैं कि महान गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी और दार्शनिक सर आइजैक न्यूटन ने 1687 में अपने शोधपत्र प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांत से गुरुत्वाकर्षण व गति के नियमों के रहस्य को सुलझाया था। उन्होंने ये साबित किया था कि सभी सिद्धांत प्रकृति से जुड़े हैं, बावजूद इसके आज तक गणित, भौतिक विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों की जटिलता बनी हुई है। स्कूल ऑफ राम इन्हीं जटिल और उलझे हुए विज्ञान के सिद्धांतों की गुत्थियों को रामचरित मानस की चौपाइयों के जरिये खोलने का प्रयास करेगी।