

Green Hydrogen: केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने पिछले दिनों एक आयोजन में इस बात का मैसेज दिया है कि ग्रीन हाइड्रोजन भारत में भविष्य का ईंधन है। इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों से स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के निर्माण के लिए देश में निवेश करने की बात भी कही।
उन्होंने कहा कि, ” भारत में ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) प्रोजेक्ट को डेवलप करने में आगे बढ़ रहा है जिसमें हर भारतीय की भागीदारी जरूरी है। ”
भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार
निवेशक इलेक्ट्रोलाइजर के विकास, ग्रीन हाइड्रोजन के परिवहन के लिए तंत्र, ग्रीन स्टील और सीमेंट के निर्माण में ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल बढ़ रहा है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र की तरह, भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनकर उभर रहा है। भारत में ऐसे उद्योग भी हैं जिन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन की 3.5 मीट्रिक टन क्षमता स्थापित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
इसी साल जनवरी में, केंद्र सरकार ने भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से 19,744 करोड़ रुपये के बजट के साथ राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है।
भारत का लक्ष्य है कि साल 2030 तक देश में लगभग 125 गीगावॉट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (renewable energy capacity) वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 एमएमटी ( मिलियन मीट्रिक टन ) की उत्पादन क्षमता के विकास को बढ़ावा दे।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ये भी कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भारत में भविष्य का ईंधन बन सकता है। यही नहीं निवेशकों से स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के निर्माण के लिए देश में निवेश करने का आग्रह किया है। ऊर्जा मंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन 2023 पर सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में की थी।