Save environment: 10 साल तक के बच्चे जनरली छुट्टियों पर क्या करते हैं, घर वालों के साथ वेकेशन प्लान करते हैं। मस्ती और कैंपिंग की प्लानिंग करते हैं या फिर कोई परिवार के साथ फिल्मों का आनंद लेते हैं। लेकिन अगर आपको कहा जाए कि एक ऐसी बच्ची भी है जो अपने खाली समय में पर्यावरण (Save environment) के लिए समर्पित है तो आप जरूर सोच में पड़ जाएंगे कि इतनी छोटी बच्ची को कैसे ये सब पता है। दरअसल ये सच है। हम बात कर रहे हैं 10 साल की ईहा की जिन्होंने अपने छोटे-छोटे कदम पर्यावरण संरक्षण (Save environment) की तरफ बढ़ा दिए हैं।
10 साल की ईहा ने लगाए हैं 20 हजार पौधे
ये कहानी है मेरठ की रहने वाली 10 साल की ईहा दीक्षित की (Save environment) वो छुट्टियों में या फिर विकेंड्स में घूमने जाने या फिर मौज-मस्ती के लिए प्लान नहीं करती है, बल्कि वो पेड़ लगाकर नेचर सेक्योर करती है। ईहा दीक्षित ने पिछले 283 हफ़्तों से पौधे उगाकर अपना वीकेंड बिताया है। इतना ही नहीं, पिछले 5 सालों से वह अपना जन्मदिन भी पौधे लगाकर ही सेलीब्रेट करती हैं। पौधे लगाना और हरियाली फैलाना उनके लिए शौक नहीं बल्कि उनका जूनून है ऐसा लगता है। बचपन से ही ईहा नेचर के बेहद करीब हैं।
कार्टून चैनल से हुई ये खास शुरूआत (Save environment)
ये बात जानकर लोगों को हैरानी होती है कि इस खास पहल (Save environment) की शुरूआत कार्टून चैनल देखकर हुई। दरअसल, ईहा एक दिन कार्टून चैनल पर देखा कि कार्टून के कैरेक्टर पौधा लगाते हैं और फिर वो बड़ा होते जाता है। ईहा ने घर पर पूछा कि इससे क्या होता है। ईहा के माता-पिता ने समझाया कि पौधे और पेड़ कैसे पर्यावरण (Save environment) के लिए जरूरी हैं। बस फिर क्या था नन्हीं ईहा ने भी ठान लिया कि वह भी ऐसे ही पौधे लगाकर उसे बड़ा करेंगी। उन्होंने अपने पैरेंट्स से जिद कर पौधा लगाया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई जब ईहा ने पौधों के बढ़ने तक उसकी केयर की तब ईहा के माता-पिता को समझ में आया कि ईहा वाकई सिरियस है। फिर ईहा के माता-पिता ने ईहा को हमेशा सपोर्ट किया।
ईहा ने लगाया था सबसे पहले नींबू का पेड़
ईहा ने इस शानदार काम की शुरूआत (Save environment) एक नीबू का पेड़ लगाकर की। ईहा सिर्फ एक पौधा लगाकर रुकने वाली नहीं थीं। उन्होंने धीरे-धीरे उन्होंने अपने स्कूल और आस-पास की जगहों पर पौधे भी कई पौधे लगाए (Save environment) । ईहा ने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने अपने पांचवें जन्मदिन पर 1008 पौधे सार्वजनिक जगहों पर लगाएं और 2500 पौधे अपने छठे जन्मदिन पर लगाया था। 20,000 पौधे लगाकर जीते कई अवार्ड्स
छोटी सी बच्ची के इस काम को देखकर और लोग भी इंस्पायर होने लगे (Save environment). ईहा के साथ उनके दोस्त, उनके पैरेंट्स और जानकार लोग पौधे लगाने की मुहीम से जुड़ रहे हैं। अपनी इस पहल के बाद ईहा ने Green Eiha Smile Club शुरू किया जिससे कई बच्चे जुड़े हैं और मिलकर पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का काम करते हैं।
ईहा और उनके ग्रुप ने मेरठ शहर और दिल्ली-गाज़ीपुर में बने एशिया के सबसे बड़े Dumping Yard सहित लखनऊ, इंदौर और गुरुग्राम में भी कई पौधे लगाकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली है। जो वाकई काबिले तारिफ है। ईहा ने अब तक करीबन 20 हजार से अधिक पौधे सार्वजनिक जगहों पर लगाए हैं। उनके इस नेक प्रयास का ही परिणाम है उन्हें ईहा देश के लिए International Young Eco Award और देश का सबसे बड़ा बाल पुरस्कार, बाल शक्ति पुरस्कार मिल चुका है।
ईहा ने (Save environment) ये साबित किया है कि कुछ कर गुजरने के लिए उम्र, रंग रूप, शारीरिक बनावट का कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता बस बेहतर करने का जुनूनू ही काफी है।