फांस के दौ वैज्ञानिकों को हाइड्रोन का एक बड़ा सोर्स मिला है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये दुनिया में अब तक का खोजा गया व्हाइट हाइड्रोजन का सबसे बड़ा भंडार भी हो सकता है। जिसका कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इसे खोजने वाले फ्रांस के दोनो वैज्ञानिकों के नाम ये एक बड़ी सफलता है। उन्होंने मिलकर एक ऐसे रिसोर्स का पता लगाया है, जिसे खोजना अब तक बिल्कुल नामुमकिन लग रहा था। ये दोनों वैज्ञानिकों मीथेन की मात्रा को लेकर रिसर्च कर रहे थे तभी उन्हें व्हाइट हाइड्रोजन के सोर्स के बारे में जानकारी मिली। इस व्हाइट हाइड्रोजन को नेचुरल गोल्ड भी कहते हैं। इसे दुनियाभर के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
इन दोनों वैज्ञानिकों को कुछ सौ मीटर नीचे हाइड्रोजन के बारे में पता लगा। ऐसा होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे वो और गहराई की तरफ बढ़े हाइड्रोजन की मात्रा और ज्यादा होती गई। 1100 मीटर नीचे ये 14% था और 1250 मीटर नीचे जाने पर ये 20% तक हो गया। इससे वैज्ञानिकों को पता चल गया कि इस जगह पर हाइड्रोन का एक सोर्स हो सकता है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि यहां पर 250 मिलियन मीट्रिक टन तक हाइड्रोजन मिल सकता है।
साइंटिस्ट्स का मानना है कि ये अब तक खोजे गए सफेद हाइड्रोजन के सबसे बड़े बैंकों में से एक हो सकता है। सफेद हाइड्रोजन नेचुरली पैदा होते हैं या फिर पृथ्वी की सतह में मौजूद होते हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग और पॉल्यूशन के बीच धरती के लिए ये एक बड़ी बात है।
इन कामों में होता है व्हाइट हाइड्रोजन का इस्तेमाल
व्हाइट हाइड्रोजन को नेचुरल गोल्ड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे विमानन, शिपिंग और इस्पात निर्माण जैसे उद्योगों के लिए क्लीन एनर्जी के सोर्स के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। कुल मिलाकर व्हाइट हाइड्रोजन एनर्जी का एक ऐसा सोर्स है जो बिना किसी नुकसान के काफी बड़े काम करता है। ईंधन के तौर पर इसका इस्तेमाल करने पर कार्बन डाइऑक्साइड नहीं निकलती और दूसरे गैसों की तुलना में ये काफी सस्ता और इफेक्टिव होता है। अलग-अलग तरह के हाइड्रोजन को रंगों के आधार पर बांट दिया जाता है। जैसे- मीथेन गैस से ग्रे हाइड्रोजन, कोयले से ब्राउन और नीला हाइड्रोजन रिलीज होता है। पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा ग्रीन हाइड्रोजन होता है हालांकि इसका प्रोडक्शन काफी महंगा है। वहीं सफेद हाइड्रोजन इसकी तुलना में और ज्यादा नेचर फ्रेंडली और सस्ता माना जाता है।