शरीर के साथ दिमाग के लिए भी जरूरी है पानी, जानें दिमाग को कैसे प्रभावित करता है पानी !



भरपूर मात्रा में पानी पीने से हम डिहाइड्रेशन से बच जाते हैं। वहीं अगर डिहाइड्रेशन हो जाए तो गला और मुंह सूखता है, आंखों में सूखापन लगता है और थकावट या चक्कर की परेशानी हो सकती है। पानी की कमी शरीर को धीरे-धीरे नुक़सान पहुंचाता है। समय रहते पानी की कमी को दूर नहीं किया जाए तो ये न केवल किडनी के लिए ख़तरनाक साबित होगा, बल्कि दिमाग़ पर भी यहा असर डालना शुरू कर देता है।

शरीर के लिए जरूरी है पानी

मानव शरीर का क़रीब दो-तिहाई हिस्सा पानी का बना होता है जो पूरे शरीर के सही तरह से चलने के लिए सबसे जरूरी चीज है। पानी जोड़ों और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को चिकनाहट देता है, पाचन में मदद करता है, हानिकारक तथा विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का महत्वपूर्ण काम करता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में हेल्प करता है।

मस्तिष्क पर पानी का असर

मस्तिष्क का 70-75 फ़ीसदी हिस्सा पानी से बना होता है। इसलिए डिहाइड्रेशन का असर दिमाग़ पर भी पड़ने लगता है। इसकी कमी से सिरदर्द हो सकता है, मनोदशा (मूड) में बदलाव होना या चिड़चिड़ापन महसूस करना, ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, शरीर और दिमाग़ में समन्वय नहीं बैठना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के एक शोध के अनुसार जब शरीर अपने सामान्य पानी की मात्रा का केवल 1.5 फ़ीसदी खोने से लोग अधिक चिंता, चिड़चिड़ापन और थकान महसूस करते हैं।

पानी के स्तर को बनाए रखें

डिहाइड्रेशन के लक्षण महसूस होने से दूध, पतला शर्बत या फलों का रस नियमित अंतराल पर लेना शुरू करें। चाय, कॉफ़ी जैसे कैफ़ीन वाले पेय और सोडा युक्त पेय पदार्थों के सेवन से बचकर रहें। इसी तरह लगातार उल्टी और दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने की स्थिति में कम मात्रा में बार-बार पानी या तरल पदार्थ पीते रहें।

घूंट-घूंट पीते रहें पानी

शिशुओं और छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर उन्हें सादा पानी नहीं दें। क्योंकि सादा पानी पीने से उनके शरीर में पहले से ही कम मात्रा में मौजूद खनिज पतले हो जाएंगे। जिससे समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। उन्हें फलों का पतला रस या रिहाइड्रेशन घोल दें।

प्यास लगने का इंतज़ार करने के बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में पानी का घूंट लेते रहें। आहार में जल युक्त खाद्य पदार्थ भी शामिल करें। जाड़े के मौसम में इस बात का ख़ास ख़्याल रखना होगा।

इन सबके बावजूद अगर डिहाइड्रेशन की स्थिति और लक्षण दिखाई दे ही रहे हैं तो यूरोलॉजिस्ट की मदद ले सकते हैं। ध्यान दें कि डिहाइड्रेशन एक स्तर के बाद आपातकालीन स्थिति में आ जाता है। इसमें फ़ौरन चिकित्सीय मदद की ज़रूरत लेनी पड़ सकती है।

पानी जीवनदायी है, मनुष्य, प्रकृति या फिर कोई भी जीव सभी के लिए पानी जरूरी है। इसीलिए पानी को सहेजें। पानी से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए देखें See Positive के Catch The Rain Episode और हमें अपना फीडबैक जरूर दें।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

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