Innovation के लिए अद्भुत रहा 2022, तकनीक, ऊर्जा और नवाचारों ने बदली दुनिया की तस्वीर !

पिछले 2 साल मानवता के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे। कोविड की वजह से हर किसी को नुकसान और कष्ट झेलना पड़। लेकिन यही वह समय था जब हमने मुश्किल हालातों का सामना ज्यादा मजबूती से करना सीखा। एक-दूसरे के लिए हम ढाल बनकर खड़े हुए और मानवीय मूल्यों को सहेज कर रखा। साल 2022 ने हमें गिरकर चलना सिखाया। ये बताया कि आगे बढ़ना और निरंतरता जीवन का असली काम है। यही वजह रही कि साल 2022 नवाचारों (Innovation) के क्षेत्र के लिए काफी खास रहा। क्योंकि इस साल हमने 5जी की दुनिया में कदम रखा, डिजीटलीकरण के साथ आगे बढ़े, टेक्नोलॉजी का हाथ थामा और अंतरिक्ष की उड़ान ने हमारी उम्मीदों को नए पंख दिए।

 

विज्ञान के क्षेत्र में भारत के लिए अद्भुत रहा साल

भारत के स्पे्स मिशन के लिए साल 2022 काफी अद्भुत रहा। कमर्शियल स्पेलस सेक्टार में भारत ने कदम रखा। जिसके तहत भारत ने इसरो के सबसे भारी रॉकेट LVM3 ने OneWeb के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स को लॉन्चि किया। वहीं, पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S भी साल के जाते-जाते लॉच हुआ, जो भारत की एक बड़ी उपलब्धि है। भारत की यह सफलता इस बात को साफ करती है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका की स्पे सएक्स (SpaceX) की तरह भारत में कई स्पे्स कंपनियां काम करेंगी। इस साल हमारी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान गगनयान (Gaganyaan) मिशन एक कदम और आगे बढ़ी। इसमें यह पता लगाया गया कि गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय यात्रियों का खाना कैसा रहेगा जिसके लिए DRDO की मैसूर स्थित एक लेबोरेटरी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाना तैयार किया गया।
 

देश को मिला पहला सोलर गांव

अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने इस साल अनूठी उपलब्धि हासिल की। दरअसल गुजरात का मोढेरा गांव देश का पहला ऐसा गांव बना, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलता है। पीएम मोदी ने इसकी घोषणा के दौरान कहा था कि ‘भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है’ जहां हम ऊर्जा की बचत में दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह गांव पुष्पावती नदी के किनारे बसा है। भौगोलिक रूप से यह इलाका करीब 2,436 हेक्टेयर में फैला है। जो ग्राउंड-माउंटेड सोलर पॉवर प्लांट से बना है। वहीं 1 किलोवॉट के 1300 से ज्यादा रूफटॉप सोलर सिस्टम लोगों की छतों पर फिट किए गए हैं। इनसे गांव के घरों में बिजली की जरूरत को पूरा किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को ‘सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन’ नाम दिया गया है।
 

प्लास्टिक वेस्ट को रोकने वैज्ञानिकों ने खोजी नई तकनीक

प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने भी इस साल काफी काम किए गए जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है मशरूम से तैयार की गई चिप, जिसका उपयोग प्लास्टिक वेस्ट को रोकने के लिए किया जाएगा। साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित एक शोध ने प्लास्टिक कचरे को खत्म करने का हल निकाला है। इस रिसर्च में ऑस्ट्रिया की जोहैनस केप्लर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मशरूम की स्किन से इलेक्ट्रॉनिक सबस्ट्रेट तैयार किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार कंप्यूटर चिप्स को बनाने में उन पेड़ों के मशरूम को इस्तेमाल किया जाएगा। जो, पूरी तरह बेकार हो जाते हैं। फिलहाल इससे बने सर्किट ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में उपयोग किए जाएंगे जो ज्यादा समय नहीं चलते। इनमें वियरेबल सेंसर और रेडियो टैग होते हैं। मशरूम स्किन के कारण ये रिसाइकिल भी हो सकेंगे।
 

हैदराबाद में बना पहला सोलर रुफ साइकिल ट्रैक

2023 की शुरूआत में भारत के हैदराबाद में पहला सोलर रूफ साइकिलिंग ट्रैक तैयार हो जाएगा। साल 2022 में इसकी आधारशिला रखी गई थी। अक्षय ऊर्जा की दिशा में यह एक शानदार पहल साबित होगी। 23 किलोमीटर लंबे और 4.5 मीटर चौड़े इस साइकिल ट्रैक की खासियत यह है कि, यह नानकरामगुड़ा, तेलंगाना स्टेट पुलिस एकेडमी (TSPA) सर्कल, नरसिंगी और कोल्लूर को आपस में जोड़ेगा। सोलर पैनल से सजी छत 16 मेगावाट की बिजली पैदा करेगी। इस प्रोजेक्ट को शहर के IT कॉरिडॉर के पास तैयार किया गया है, ताकि IT प्रोफेशनल्स को आने-जाने में कोई परेशानी न हो।
 

भारत ने तैयार किया इंसानों को लेकर उड़ने वाला ड्रोन

Drone Varun: भारत ने तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। जिसके तहत पहली बार इंसानों को लेकर उड़ने वाला ड्रोन तैयार किया गया है। स्वदेश निर्मित पायलट-रहित ड्रोन वरुण (Drone Varun) को भारतीय नौसेना को लिए तैयार किया गया है। Drone Varun के पूरी तरह परीक्षण होने के बाद युद्ध में पहली बार भारतीय नौसेना युद्धपोतों पर इसका इस्तेमाल करेगी। बाद में यह इंसानों को ले जाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
 
इस साल के ये सभी नवाचार (Innovation) भारत को वैश्विक स्तर पर एक मंच दे रहे हैं। ये हम नहीं इस साल की विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII), 2022 की रैंकिंग बता रही है। जिसमें भारत 132 देशों में 40वें स्थान पर काबिज हुआ है। यह रैंकिंग हर साल जारी की जाती है जिसमें दुनियाभर के देशों के द्वारा किए जा रहे नए प्रयासों और इनोवेटिव आइडियाज को लेकर तैयार की जाती है। बता दें कि साल 2021 में भारत 46वें और 2015 में 81वें स्थान पर था। यानी कि हमने लगातार अपने रैंक में सुधार की है। ये रैंकिंग बताती है कि हम नवाचारों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और जल्द ही टॉप-10 में भी हमारी रैंकिंग होगी।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

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