अब ई-व्हीकल को मिलेगी आग से सुरक्षा, इन स्टूडेंट्स ने बनाया ईवी के लिए सेफ्टी आर्मर!

पर्यावरण के हित के रूप में इलेक्ट्रिक व्हीकल को देखा जाता है। यही वजह है कि भारत सरकार भी लोगों को ई-व्हीकल के लिए प्रोत्साहित कर रही है। आज के समय में ई-व्हीकल बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है। लेकिन हाल ही में ये देखा गया कि ईवी (इलेक्ट्रानिक व्हीकल्स) में हुईं आग लगने की घटनाओं ने लोगों को थोड़ा परेशान किया है। लेकिन नोएडा के दो स्टूडेंट्स ने मिलकर इसके लिए एक सुरक्षा कवच तैयार किया है।

दो इंजिनियरिंग के छात्रों ने बनाया सुरक्षा कवच

इंजीनियरिंग के छात्रों ने ईवी की सुरक्षा को लेकर एक इनोवेशन किया है। ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय के दो छात्रों सुधांशु शर्मा और प्रांजल कुमार ने एक ऐसा बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम डेवलप किया है जो आग लगने से पहले ही वाहन चालक को अलर्ट करेगा। ठीक वैसे ही जैसे वाहन चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाने पर बजर की आवाज आती है। एमएसएमई मंत्रालय की ओर से आयोजित आइडिया हैकाथन में इसे दिखाया गया था।

 
इन स्टूडेंट्स का कहना है कि स्मार्ट बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम (एसबीएमएस) बनाने की सबसे बड़ी वजह ईवी में आग लगने की घटनाएं थीं। भविष्य ईवी का ही है। ऐसे में इसके नकारात्मक मैसेज नहीं जाने चाहिए। इस सिस्टम को बनाने में इस्तेमाल किए गए 90 प्रतिशत उपकरण भारत में ही बने हैं। इसमें पीसीबी बोर्ड, पावर मोसफेट जैसे मशीन शामिल हैं। कुछ सेमीकंडक्टर ब्रिटेन से और कुछ कंपोनेंट ताइवान के भी लगाए गए हैं।
 

ऐसे रोकेगा आग लगने की घटनाएं

यह सिस्टम हर समय वाहन को स्कैन करता है। किसी तरह की कोई गड़बड़ी होते ही वाहन की स्पीड कम होती जाएगी और वाहन बंद हो जाएगा। यह साफ्टवेयर ठीक उसी तरह काम करेगा जैसे पेट्रोल-डीजल के व्हीकल में इंजन कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) काम करता है। व्हीकल जब सर्विस के लिए जाता है तो यूएसबी से ईसीयू को लैपटॉप के जरिए स्कैन होता है। स्कैन में सामने आ जाता है वाहन में क्या मैकेनिकल और क्या इलेक्ट्रिकल परेशानी आ रही है।

 
एमएसएमई ने इस प्रोजेक्ट को 95 फीसदी सफल माना है। यही वजह है कि एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम में मिलने वाला सबसे अधिक 15 लाख रुपये का अनुदान इस प्रोजेक्ट को दिया गया है। इस इनोवेशन की मदद से अब ई-व्हीकल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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