Inspiration: अपने लिए तो सब जीते हैं, दूसरों के लिए अपना जीवन समर्पित करती एक लड़की की कहानी!

Inspiration: कहते हैं कि एक बेहतर इंसान पूरे सोसाइटी को बेहतर कर सकता है। वो अपनी अच्छाईयों से खुद तो अच्छा कुछ कर गुजरते हैं साथ ही लोगों के लिए भी प्रेरणा (Inspiration) बनते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणा हैं कोलकाता की रहने वाली गीता राउत, जिन्होंने बचपन की एक सीख (Inspiration) को ही अपने जीवन का एक लक्ष्य बना लिया और आगे बढ़ गईं। आज उनकी कोशिशों से भीख मांगने वाले बच्चे भरपेट खाना खा पा रहे हैं। गीता बच्चों के लिए खाना बनाती हैं उन्हें खिलाती हैं और ये सिखाती हैं भीख मांगना उनकी जिंदगी नहीं है। 

बचपन की सीख अब जिंदगी का मकसद 

कहते हैं कि बचपन की सीख इंसान जिंदगी भर याद रखता है। इस बात को पूरी तरह से सच साबित किया है गीता ने। उन्होंने बचपन में अपने आप से एक वादा किया जिसे अब वो ताउम्र निभाने के रास्ते (Inspiration) पर चल पड़ी हैं। उनकी ये कहानी शुरू होती है उनके स्कूल जाने के सफर (Inspiration) के साथ। दरअसल जब गीता स्कूल में पढ़ती थीं (Inspiration) तब वे रिषड़ा स्टेशन से रोज स्कूल जाती तो कई बच्चों को स्टेशन में भूख  के कारण भीख मांगते हुए देखकर दुखी होती थीं। 

गीता मन ही मन ये सोचती थीं कि किसी तरह से वो बस उन बच्चों की जिंदगी बदल सकें। लेकिन तब गीता काफी छोटी थीं। लेकिन तब भी उन्होंने इसकी शुरूआत कर दी थी तब गीता अपना टिफ़िन उन बच्चों को खिलाकर खुश होती थीं। एक वेबसाइट से साक्षात्कार के दौरान गीता बताती हैं (Inspiration) बताती हैं कि एक दिन भी अगर वह इन बच्चों को अपना टिफ़िन नहीं खिला पाती तो उन्हें अंदर से बहुत बुरा महसूस होता था। 

भीख मांगने वाले बच्चों को समर्पित किया अपना जीवन 

गीता ने तब ये सोच लिया था कि बड़ा होकर जरूर उन बच्चों के लिए कुछ करेंगी। कुछ सालों बाद गीता ने कोलकाता स्टेशन के पास सड़क पर रहने वाले कुछ बच्चों की जाकर पढ़ाना के काम शुरू कर (Inspiration) दिया। वो फ्री में बच्चों को पढ़ाने का काम करती थीं। वाली इस दीदी को देखकर एक के बाद एक कई बच्चे उनसे जुड़ने लगें। एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाली गीता के लिए इस काम को जारी रखना कोई सरल काम नहीं था। बावजूद इसके वे नहीं रूकीं। (Inspiration) उनके निरंतर प्रयासों का नतीजा आख़िरकार उन्हें मिल ही गया जब कोलकाता के ही एक बिजनेसमैन ने उन्हें स्कूल बनाने के लिए फ्री में एक जगह दे दी इससे उनके सपनों को उड़ान मिली। 

गीता के साथ मिलकर किशोर जिन्होंने गीता को जगह दी थी। इन दोनों ने मिलकर TEARS (To Educate And Regain Smile) नाम से एक संस्था की शुरुआत की। आज इस संस्था से 150 बच्चों को न सिर्फ शिक्षा बल्कि दो वक़्त का खाना भी खिलाती है। गीता अब इन बच्चों के लिए बस एक सपना देखती हैं कि कैसे वह इन बच्चों को पढ़ाकर काबिल बना सके ताकि अशिक्षा और गरीबी की यह समस्या समाज से पूरी तरह से ख़त्म करें। गीता के जज्बे को seepositive सलाम करता है। 

SP LOGO

Rishita Diwan

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

SHARE YOUR STORY

info@seepositive.in

SEND FEEDBACK

contact@seepositive.in

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.
CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

SHARE YOUR STORY

info@seepositive.in

SEND FEEDBACK

contact@seepositive.in

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.