Vermicompost Business 12वीं पढ़ी महिला ने 500 रुपए से शुरू किया व्यापार, आज कमा रही लाखों!

खेती-बाड़ी और गार्डनिंग के लिए केमिकल युक्त फ़र्टीलाइज़र्स से काफी बेहतर माना जाता है वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) खाद। इससे न मिट्टी के पोषक तत्व बढ़ते है बल्कि फसल की पैदावर भी अच्छी होती है। आज के समय में ऑर्गैनिक फार्मिंग की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। यही वजह है कि लोग अब वर्मीकम्पोस्ट से खाद बनाकर बेच रहे हैं। बर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस काफ़ी सफ़ल साबित है, इसे ही केंचुआ खाद (Kenchua khad) भी कहते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे बनाने में ज़्यादा खर्च भी नहीं आता है। इसका फायदा उठाया असम की एक महिला ने जिसके बाद अब वे आर्थिक रूप से काफी सशक्त हुई हैं और लाखों रुपए की कमाई कर दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।

बेटी के कहने पर शुरू किया बिज़नेस

ये कहानी है असम की रहने वाली कनिका की। कनिका की एक बेटी है। कनिका के पति के मृत्यु के बाद उन पर परिवार संभालने की जिम्मेदारी आ गई। कनिका सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ी थी ऐसे में अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिलना मुश्किल था। शुरूआत में उन्होंने छोटे-मोटे काम और सिलाई से काम चलाया। उन्हें बेहतर जीवन के लिए कुछ और करना था।

केंचुआ खाद बनाना सीखा और शुरू किय व्यापार 

कनिका ने कमाई के दूसरे साधन खोजने शुरू कर दिए। कनिका को वर्मीकंपोस्ट खाद के वर्कशॉप के बारे में पता चला। सेल्फ़ हेल्प ग्रुप के ज़रिए उन्होंने इसे बनाने के बारे में पता किया। कृषि विज्ञान केंद्र से पांच दिन का वर्कशॉप से उन्होंने इसके फायदे और डिमांड के बारे में जाना। उन्हें वर्कशॉप के बाद केंचुआ खाद बनाने में दिलचस्पी हुई। उन्होंने घर के पास उपलब्ध कच्चे माल और स्पेस से ये काम शुरू किया। इसकी लागत थी सिर्फ 500 रुपए।

कनिका बांस से वर्मीकम्पोस्ट बेड्स बनाने का काम करती है। इसके लिए वो धान के अवशेष को जलकुंभी की डंठल के साथ गोबर में मिलाती है और वर्म कास्टिंग बनाती हैं। किसान केमिकल फ़र्टीलाइज़र की जगह इस वर्म कास्टिंग का उपयोग करते हैं।

एक साल में ही कनिका ने 800 किलोग्राम वर्मीकम्पोस्ट बनाकर तैयार कर लिया। 10 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से वर्मीकम्पोस्ट बेचकर उन्होंने अपने बिजनेस को बढ़ाया। अब आज कनिका हर महीने 35 टन वर्मीकम्पोस्ट बनाकर बेचती हैं। उन्होंने अपने परिवार के 1.5 बीघा ज़मीन में भी वर्मीकम्पोस्टिंग का काम शुरू किया है। कनिका धीरे-धीरे अपने इस काम को अलग-अलग तरीकों से बढ़ा रही हैं। उन्होंने सिचुएशन से परेशान होने के बजाय अपने लिए नए रास्ते खोजे उनके जज्बे के seepositive सलाम करता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

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