You Tubers, Content creators आज किसी पर डिपेंडेंट नहीं हैं। वे स्वतंत्र होकर कमाई कर रहे हैं। ऐसा ही एक गांव है छत्तीसगढ़ में जहां हर व्यक्ति एक यूट्यूबर है। ये है छत्तीसगढ़ का तुलसी गांव नाम सुनकर भले ही लग रहा होगा कि ये तो कोई छोटा सा गांव होगा लेकिन तकनीक और आधुनिकता के मामले में ये गांव किसी शहर से कम नहीं है। यहां पांच साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक, सभी स्मार्ट और टेक फ्रेंडली नजर आएंगे। यहां लोग फ़ोन में वीडियो बनाते हुए आसानी से दिख जाएंगे। इस गांव की इसी खासियत के चलते इसका नाम यूट्यूबर्स विलेज के नाम से पुरे देश में महशूर हो चुका है।
नौकरी पर निर्भर नहीं तुलसी गांव के लोग
कंटेंट क्रिएट कर ये लोग आर्थिक लाभ भी ले रहे हैं। यहां के युवा नौकरी की तलाश में शहर नहीं भागते बल्कि गांव में ही रहकर फ्रीलांस काम करके अच्छी आमदनी कर रहे हैं। दरअसल यह सिलसिला शुरू हुआ साल 2018 में, जब गांव के दो दोस्त ज्ञानेंद्र और जय वर्मा में ‘Being Chhattisgarhiya’ नाम से एक यूट्यूब चैनल की शुरूआत की। यहां ये लोग गांव के छोटे-छोटे किस्से, त्योहारों और घटनाओं के कॉमेडी वीडियोज़ बनाकर अपलोड कर देते थे। इन वीडियो को बनाने में वह गांव के स्थानीय लोगों की ही मदद ली जाती थी। धीरे-धीरे इन वीडियोज़ को दुनियाभर के लोग देखने और पसंद करने लगें। सिर्फ तीन महीने में ही जय और ज्ञानेंद्र इससे कमाई करने लगे। उनकी इस सफलता ने गांव में सबको यूट्यूब के लिए वीडियो बनाने के लिए प्रेरणा दी। इस तरह एक के बाद लोगों ने 40 से ज्यादा यूट्यूब चैनल शुरू कर दिया और खास बात ये है कि लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं।
कलेक्टर ने स्टूडियो खोलने में की मदद
गांव के ये लोग बिना किसी ट्रेनिंग के वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर एक्टिंग और एडिटिंग जैसे काम खुद ही करते थे। मूल रूप से इस गांव के लोग खेती पर ही निर्भर थे लेकिन अब यूट्यूब उनकी एक्स्ट्रा कमाई का जरिया हो गया है। यहां चलने वाले यूट्यूब चैनल्स में एक दर्जन से अधिक चैनल मॉनिटाइज भी हो गए। और यहां के अच्छे यूट्यूबर्स को गूगल के इवेंट के दिल्ली भी बुलवाया गया था। जब गांव के कई युवा साधनों के आभाव में अपना यूट्यूब चैनल को बंद कर रहे थे तो जिला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे कोने गांव वालों की मदद की और प्रसाशन की मदद से ‘हमर फ्लिक्स’ नाम का स्टूडियों इस गांव में बनाया गया। यहां गांव के लोग लेटेस्ट साधनों का उपयोग करके एडिटिंग और रिकॉर्डिंग जैसे काम करते हैं। इस गांव के लोगों ने सोशल मीडिया के दम पर खुद टेक स्मार्ट कर लिया है। अपनी काबिलियत के दम पर ये छोटा सा गांव हम सबको सीखा रहा है कि तकनीक के दम पर कहीं भी विकास किया जा सकता है।