बच्चों के लिए पिता किसी देवदूत से कम नहीं होते हैं। उनके आवरण में बच्चा हर वो चीज हासिल कर सकता है जो वो चाहता है। पिता वो छत होते हैं जो कभी बच्चों सुरक्षा देते हैं फिर चाहे सिचुएशन कैसी भी हो और अगर बात बाप-बेटी के बॉड का हो तो फिर क्या कहना। ये कहानी भी ऐसी ही एक पिता-बेटी की अनोखी कहानी है जो प्रेरणादायी तो है ही साथ ही पिता के इंपॉर्टेंस को एक अलग ही लेवल पर ले जाती है।
बेटी को प्रेरित करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया
ये कहानी है प्रयागराज के डॉक्टर खेतान की। उन्होंने अपनी बेटी को इंस्पायर करने के लिए खुद ही एक परीक्षा बेटी के साथ दे डाली। दरअसल डॉ खेतान ने अपनी बेटी को NEET परीक्षा पास कराने के लिए उसके साथ तैयारी तो की साथ ही वो परीक्षा में भी बैठे। इस कहानी की खास बात ये है कि बेटी के साथ पिता भी इस परीक्षा में पास हो गए। डॉ खेतान ने जिस मंशा से परीक्षा दी वो भी पूरी हो गई। उनकी बेटी ने पिता से ज्यादा नंबर हासिल कर टॉप मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।
प्रकाश खेतान प्रयागराज के जाने-माने न्यूरो सर्जन हैं। प्रकाश खेतान ने अपनी 18 वर्षीय बेटी मिताली को मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए प्रेरित किया और 49 वर्ष की उम्र में NEET परीक्षा फिर से पास की। डॉक्टर प्रकाश खेतान नीट यूजी 2023 में बेटी के साथ प्रवेश परीक्षा में बैठे थे। उन्हें 89 फीसदी अंक मिले जबकि बेटी ने 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर हासिल किए। उनकी बेटी को कर्नाटक के मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस एडमिशन मिला है।
एक अखबार को दिए साक्षात्कार में डॉक्टर खेतान का कहना है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। ईमानदारी, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड काल आया तो उनकी बेटी को मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी में दिक्क्तों का सामना किया इन्हीं सब बातों से जब बेटी का मनोबल कम हुआ तो उन्होंने साथ में तैयारी करने की ठानी। डॉक्टर खेतान ने बेटी को प्रेरित करने के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया जो कई पैरेंट्स के लिए मिसाल बन रही है।