- नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को मिला साहित्य का नोबेल
- आत्महत्या पर लिखी पहली किताब
- कमेटी ने कहा- “वे लोगों की अनकही भावनाएं लाते हैं सामने”
Nobel Prize 2023 Literature: साल 2023 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार नार्वे के 64 साल के राइटर जॉन फॉसे को मिला है। नोबेल प्राइज कमेटी ने इनकी किताब को लेकर कहा है कि उनके नाटकों और कहानियों ने उन लोगों को आवाज दी है जो अपनी बातें कह नहीं पाते हैं। जॉन ने अपने नाटकों में ड्रामा के जरिए उन इंसानी भावनाओं को सामने लाया है जो आमतौर पर जाहिर नहीं किया जा सकता है। इसे सोसाइटी टैबू समझती है।
संवेदनशील मुद्दों पर लिखते हैं जॉन
जॉन ने अपने पहले ही उपन्यास रेड एंड ब्लैक में आत्महत्या जैसे गहरे और संवेदनशील मुद्दे पर लिखा है। इनकी मशहूर किताबों में पतझड़ का सपना भी गिनती में आता है। साहित्य में अब तक 120 लोगों को नोबेल सम्मान मिल चुका है। इसमें 17 महिलाएं भी शामिल है।
हर साल नोबेल जीतने वाले को 8.33 करोड़ रुपए की राशि और एक गोल्ड मेडल नोबेल कमेटी के द्वारा दिया जाता है। नोबेल की घोषणा के बाद जॉन ने व्यक्त किया कि, वे काफी खुश हैं और उन्हें लगता है कि ये प्राइज उस तरह के साहित्य के लिए दिया गया है, जो साहित्य के अलावा कुछ भी नहीं है।
नोबेल विजेता जॉन फॉसे के बारे में
1959 में जॉन का जन्म नॉर्वे में हुआ था। 7 साल की उम्र में उनका भयानक एक्सीडेंट हो गया जिसमें वो बाल-बाल बच गए थे। उनकी लिखावट पर उनके साथ हुए हादसे की झलक साफ दिखाई देती है। उनकी पहली नॉवेल रेड-ब्लैक 1983 में छापी गई थी।
40 से ज्यादा भाषाओं में उनकी किताबों को ट्रांसलेट किया जा चुका है। लेखक के तौर पर शुरुआती दिनों में जॉन को संगीत में भी काफी रूचि थी। वे गानों की धुन भी खुद ही क्रिएट करते थे। जॉन को डेली टेलीग्राफ ने दुनिया के 100 लिविंग जीनियस की लिस्ट में 83वें नंबर पर रखा गया है।
जॉन फॉसे अपनी कहानियों और नाटकों के जरिए इंसान के अस्तित्व को लेकर भी कई तरह के सवाल करते नजर आते हैं। उनका नॉवेल ए न्यू नेम सात किताबों का कलेक्शन है, जिसमें उन्होंने एक बूढ़े आदमी की भगवान से बातचीत को लिखा है। न्यूयॉर्क टाइम्स कहती है कि जॉन उन लेखकों में शामिल हैं, जिनकी कहानियों में गहरा मतलब होता है।