

भारत का शांति निकेतन यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हो गया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांति निकेतन को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में स्थान मिल गया है। सऊदी अरब में 17 सितंबर को हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग में इसकी घोषणा की गई।
साल 1863 में शांति निकेतन की स्थापना देवेंद्रनाथ टैगोर ने की थी। देवेंद्रनाथ टैगोर रविंद्रनाथ टैगोर के पिता थे। साल 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे प्राचीन भारत के गुरुकुल सिस्टम पर आधारित रेजिडेंशियल स्कूल और आर्ट सेंटर के रूप में बदला था।
टैगोर ने 1921 में यहां विश्व भारती की स्थापना की, जिसे 1951 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का लंबा समय यहां बिताया।
शांतिनिकेतन के वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने की घोषणा होने भारत के लिए गर्व की बात है। शांति निकेतन के वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने की घोषणा होने पर विश्व भारती यूनिवर्सिटी में खुशी का माहौल है। शांति निकेतन को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री ने जताई खुशी
इस खुशी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांति निकेतन को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया, यह सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। वहीं, एस जयशंकर ने कहा कि यह देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में है। इस घोषणा के बाद विश्वभारती यूनिवर्सिटी में खुशी जाहिर की है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है वहीं फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने पारंपरिक कपड़े पहने और रवींद्र-संगीत पर नृत्य किया।
भारत की 41वीं धरोहर
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि शांति निकेतन वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने वाली भारत की 41वीं धरोहर है। लंबे समय से इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की मांग ही रही थी। आगरा किला, अजंता की गुफाएं, ताजमहल, कोणार्क सूर्य मंदिर, काजीरंगा नेशनल पार्क, फतेहपुर सीकरी, सांची और जयपुर के जंतर मंतर समेत कई धरोहरों को इस लिस्ट में पहले ही शामिल हैं। दुनिया की कुल 1172 प्रॉपर्टी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में दर्ज हैं। सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के धरोहर इस लिस्ट में शामिल हैं।