

भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च माना गया है। गुरू या शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन की पहली सीढ़ी होते हैं। शिक्षक वो ढ़ाल होते हैं जिसकी मदद से किसी भी जंग को जीती जा सकती है। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ये दिन उस महान शिक्षक का जन्मदिन होता है जिन्होंने नए और आजाद भारत को बहुत कुछ दिया। उनके अलावा भारत में कई और ऐसे शिक्षक हुए जिन्होंने भारत के लिए दुनिया का नजरिया बदल दिया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के दिन ही मनाते हैं। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। उनके जन्मदिन पर भारत में इसलिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है क्योंकि उनके छात्र उन्हें बहुत प्यार और सम्मान देते थे। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया और 1968 में साहित्य अकादमी फेलोशिप सम्मान भी उन्हें मिला।
सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा की वो नींव रखी जिसकी मजबूती का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले महिला स्कूल की पहली महिला शिक्षिका थीं। उन्हें भारत की पहली शिक्षिका के रूप में जाना जाता है। उन्होंने शिक्षा के लिए समाज, परिवार सबसे लोहा लिया और अपना मुकाम हासिल किया। उन्होंने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और महिला शिक्षा के लिए काम किया। आज जब महिलाओं को बराबरी और शिक्षा का अधिकार मिल रहा है उसकी नींव सावित्रीबाई फूले ने ही रखी थी।
फातिमा शेख

निचली जातियों के लोगों को शिक्षित करने में फातिमा शेख का काफी योगदान रहा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यों को लेकर फातिमा शेख और उनके भाई दोनों को समाज से बाहर निकाल दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने सावित्रीबाई फुले से मिलकर दलित और मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।
स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद विश्वगुरू के तौर पर विख्यात हैं। पूरी दुनिया भारत को उनके नाम से जानती है। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। उनके मूल मंत्र ने युवाओं में जोशि भरा, ‘‘उठो, जागो और ध्येय की प्राप्ति तक रुको मत।’’ उन्होंने भारत में गुरुकुल प्रणाली संरक्षित करने के लिए और उसे आगे बढ़ाने लिए अपना योगदान दिया।
आचार्य विनोबा भावे

विनायक नराहाई विनोबा भावे को भारत का राष्ट्रीय शिक्षक कहा जाता है। वे मानवाधिकार और अहिंसा की पैरवी करने वालों में से एक थे। उन्हें आचार्य की उपाधि दी गई इसके अलावा 1958 में उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने महाराष्ट्र में वर्धा, सेवाग्राम और पवनार के आस-पास के क्षेत्रों में शिक्षा के लिए काफी काम किया है।
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम

भारत के मिसाइल मैन डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम हमारी शान हैं। उन्होंने सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी बहुत सम्मान पाया है। वे एक अद्भुत शिक्षक और सच्चे वैज्ञानिक, लीडर थे। शिक्षक बनना उन्हें बहुत पसंद था। साल 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बतौर वैज्ञानिक भारत के लिए उनकी सेवाएं अतुलनीय हैं। उन्होंने अपने जीवन के आखिरी क्षण भी युवाओं को प्रेरित करते हुए बिताया।
रवींद्रनाथ टैगोर

रवींद्रनाथ टैगोर एक कवि, शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रसिद्धि पाई है। हैं। उन्हें साहित्य का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कलकत्ता का शांति निकेतन शिक्षा का एक अनोखा संस्थान है जहां पर रविंद्र संगीत और शिक्षा आज के युवा पढ़ते हैं।