

World Photography Day: दुनिया खूबसूरत है और उससे भी ज्यादा खूबसूरत हैं वो लोग जिन्होंने इसे देखने का एक अलग नजिरया दिया। उन्होंने इतिहास को सहेजकर रखा तो खुशियों की कुछ पोटलियां बांध दी। ये लोग हैं भारत के बेहतरीन फोटोग्राफर्स जिन्होंने लम्हों को एक अलग ही रंग दिया। विश्व फोटोग्राफी दिवस पर जानते हैं ऐसे ही कुछ बेहतरीन फोटोग्राफर्स के बारे में….
रघु राय (RAGHU RAI)

प्रतिष्ठित मैग्नम फोटोज की श्रेणी में नामांकित होने वाले पहले भारतीय फोटोग्राफर, रघु राय ने 23 साल की उम्र में दैनिक समाचार पत्र, द स्टेट्समैन में एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में कैमरा संभाला। उनकी तस्वीरें इतिहास को हूबहू बयां करती है। उन्होंने पूरे देश में, 1984 की गैस त्रासदी भोपाल जैसे युद्ध और आपदा के स्थानों की स्मृतियां, पंडित रविशंकर और हरि प्रसाद चौरसिया जैसे लोगों द्वारा संगीत समारोह और उत्सव, यात्राओं के अनुभव को कैप्चर किया। जो बिल्कुल जीवंत प्रतीत होते हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा और सत्यजीत रे की जीवंत तस्वीरें लीं। उनकी तस्वीरों ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न शरणार्थी संकट के मार्मिक स्थितियों का चित्रण किया। फोटो पत्रकारिता के लिए उन्हें साल 1972 में सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। राय भारतीय फोटोग्राफी के इतिहास में एक मील का पत्थर हैं।
पुष्पमाला एन. (PUSHPAMALA N.)

पुष्पमाला एन को “समकालीन भारतीय कला का सबसे मनोरंजक कलाकार-आइकोनोक्लास्ट” के नाम से जाना जाता है। उन्हें उनकी ‘प्रदर्शनकारी तस्वीरों’ के लिए एक खास जगह मिली है। उन्होंने अपने लेंस से फेमिनिज्म और भारतीय संस्कृति को प्रमुख रूप से चित्रित किया है। पॉप संस्कृति पर आधारित उनकी तस्वीरें बोल उठती हैं। एक मूर्तिकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने 1990 के दशक में ‘फोटो-रोमांस’ या मंचित कथात्मक तस्वीरों की एक श्रृंखला तैयार की। उनकी कला ने महिलाओं के लिए क्लासिक आदर्शों से प्रेरित विभिन्न काल्पनिक और मेलोड्रामैटिक भूमिकाओं को पहचान दिलाया।
राम रहमान (RAM RAHMAN)

एक फोटोग्राफर, जो एक क्यूरेटर, डिजाइनर और कार्यकर्ता के रूप में भी जाने जाते हैं। राम रहमान भारतीय शहरों, विशेष रूप से राजधानी, नई दिल्ली और उनके कलाकारों और बुद्धिजीवियों की प्रतिष्ठित छवियों के लिए प्रतिष्ठित पहचान रखते हैं। फोटोग्राफी के प्रति रहमान का दृष्टिकोण मजाकिया लेकिन आलोचनात्मक और सामाजिक रूप से अलग है। चंचल और शांत, व्यक्तिगत और सार्वजनिक के सावधानीपूर्वक संतुलन के साथ अपने विषयों का डाक्यूमेंटशन उन्होंने किया। रहमान ने फोटोग्राफी पर कई मौलिक प्रकाशन भी लिखे हैं, जिसमें अग्रणी भारतीय फोटो जर्नलिस्ट सुनील जाना पर एक मोनोग्राफ भी शामिल है।
केतकी सेठ (KETAKI SHETH)

अपनी न्यूनतम श्वेत-श्याम तस्वीरों के लिए पहचान रखने वाली केतकी सेठ एक अलग ही दुनिया दिखाती हैं। उन्होंने अपनी तस्वीरों में कई विषयों के बीच आश्चर्यजनक क्षणों को कैद किया है। केतकी शेठ ने अपने करियर की शुरुआत फोटोग्राफर रघुबीर सिंह के मार्गदर्शन में अपने गृह-नगर मुंबई की सड़कों पर तस्वीरें खींचकर की। 1990 के दशक में लंदन प्रवास के बाद, उन्होंने प्रवासी समुदायों के जीवन को तस्वीरों में उतारा। उन्होंने अपनी 2015-2018 श्रृंखला फोटो स्टूडियो के साथ रंगीन फोटोग्राफी में भी कदम रखा है, जो क्लासिक भारतीय फोटो स्टूडियो का एक गीत है जिसमें स्टूडियो केवल पृष्ठभूमि के बजाय स्वयं विषय बन जाता है।