

ये स्टेटमेंट है भारत की उड़न परी पीटी ऊषा की। एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने मेडल लिस्ट में भारत को टॉप में शामिल कर दिया है। हो सकता है एशियन गेम्स के खत्म होते तक हम नंबर-1 बन जाएं। भारत अब तक 60 मेडल जीत चुका है और कई रिकॉर्डस भी भारत के नाम इस एशियन गेम्स में दर्ज हुए हैं। साल 1951 में आजाद भारत ने दूसरा रैंक हासिल किया था। भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने एक बार फिर भारतीय कौशल का प्रदर्शन किया है।
इतिहास रचने के करीब भारत
इस साल एशियाई खेलों में भारत इतिहास रचने के बेहद करीब है। एशियन गेम्स के शुरूआत से लेकर अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।
अगर रैकिंग की बात की जाए तो भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1951 के दिल्ली एशियन गेम्स था, जो आजाद भारत का पहला बड़ा खेल आयोजन था। इसमें भारत की दूसरी रैंक थी। तब भारत ने कुल 51 मेडल जीते थे। 1990 के बीजिंग गेम्स में भारत 11वें नंबर पर रहा था। तब भारत के पास सिर्फ 23 मेडल थे। यह सबसे कम था।
भारत के लिए रिकॉर्ड्स के नाम एशियन गेम्स 2023
भारत ने घुड़सवारी के 40 सालों के इतिहास में एशियन गेम्स में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। भारतीय घुड़सवार अनुश, सुदीप्ति, दिव्यकीर्ति, और हृदय ने ड्रेसेज इवेंट के फाइनल में शानदार प्रदर्शन कर भारत के लिए मेडल जीता।
इसके अलावा भारत की 17 साल की तैराक ने एशियन गेम्स में नए अध्याय की शुरूआत की है। भारत की नेहा ठाकुर ने पहली बार नौकयान में भारत को मेडल दिलाया है। उन्होंने गर्ल्स डिंघी आईएलसीए4 इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। यह भारत का सेलिंग (नौकायन) में पहला मेडल है।