

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (IECC) परिसर राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से जारी बयान के अनुसार देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के स्वरूप के रूप में प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र की संकल्पना को जन्म दिया है।
2700 करोड़ रुपये लागत
प्रगति मैदान बने इस आईससी प्रोजेक्ट को लगभग 2700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसे राष्ट्रीय प्रोजोक्ट के रूप में विकसित किया गया था। इस सम्मेलन केंद्र में अनेक सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही इसे विश्व स्तर के बड़े आयोजनों के लिए बनाया गया है। यह बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, सम्मेलनों, सेमिनारों और अन्य प्रतिष्ठित कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए डिजाइन हुआ है। इसे कई मीटिंग रूम, लाउंज, ऑडिटोरियम, एम्फीथिएटर और बिजनेस सेंटर से युक्त बनाया गया है। कई प्रकार के कार्यक्रमों की मेजबानी करने में सक्षम है।
123 एकड़ में विस्तारित
लगभग 123 एकड़ के क्षेत्र के साथ, IECC कॉम्प्लेक्स को भारत के सबसे बड़े एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया गया है। आयोजनों के लिए उपलब्ध कवर किए गए स्थानों में, आईईसीसी कॉम्प्लेक्स दुनिया के शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों के रूप में अपनी पहचान रखेगा।
सुविधाएं
प्रगति मैदान में नव विकसित आईईसीसी कॉम्प्लेक्स में कन्वेंशन सेंटर, प्रदर्शनी हॉल, एम्फीथिएटर सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद है। इसकेएम्फीथिएटर में 3,000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता है। बिल्डिंग को शंख के आकार का बनाया गया है। कन्वेंशन सेंटर की विभिन्न दीवारें भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति के कई रूपों को दर्शाती है।
सम्मेलन केंद्र में उपलब्ध अन्य सुविधाओं में 5जी-सक्षम वाई-फाई से पूरी तरह से कवर किया गया है। 10जी इंट्रानेट कनेक्टिविटी, 16 विभिन्न भाषाओं की सहायता करने के लिए अत्याधुनिक ट्रांसलेशन कक्ष, विशाल आकार की वीडियो के लिए दीवार साथ उन्नत एवी प्रणाली, अधिकतम कार्यक्षमता और ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने वाली भवन प्रबंधन प्रणाली, डिमिंग और ऑक्युपेंसी सेंसर के साथ लाइटिंग सुविधा, अत्याधुनिक डीसीएन (डेटा संचार नेटवर्क) प्रणाली शामिल है।
वास्तुशिल्प भारतीय परंपराओं से प्रेरित
इस कन्वेंशन सेंटर बिल्डिंग का वास्तुशिल्प डिजाइन भारतीय परंपरा से प्रेरित है और आधुनिक सुविधाओं और जीवन-शैली को अपनाने के साथ-साथ अपने अतीत में भारत के आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास को भी दर्शाने की दिशा में काम कर रहा है। यह इमारत शंख के आकार की है और कन्वेंशन सेंटर की विभिन्न दीवारें और अग्रभाग भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति के कई तत्वों को दर्शाने का काम करते हैं। जिनमें ‘सूर्य शक्ति’, सौर ऊर्जा के दोहन में भारत के प्रयासों को उजागर करना,’जीरो टू इसरो’, अंतरिक्ष में हमारी उपलब्धियों का जश्न मनाना, पंच महाभूत- आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी जैसे व्यापक नींव के निर्माण खंडों को दर्शाया गया है। इसके अलावा, देश के विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न पेंटिंग और जनजातीय कला विभिन्न रूपों को कन्वेंशन सेंटर में उकेरा गया है। प्रगति मैदान में आईईसीसी आत्मनिर्भर भारत की भावना के साथ भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकीय उत्कृष्टता की खोज के प्रतीक के रूप में उभरेगा जो एक नए भारत के निर्माण की दिशा में कदम है।